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19 सूत्री मांगों को लेकर पूरे बिहार में मुखियाओं की राज्यव्यापी हड़ताल

मुखिया संघ की मुख्य मांगों में मांग ग्राम पंचायत को 73वें संविधान संशोधन के तहत प्रदत्त 29 अधिकारों को पूर्णरूपेण ग्राम पंचायत को सौंपना, ग्राम सभा से चयनित योजनाओं को प्राथमिकता देना, सरकार द्वारा ग्राम सभा में अनावश्यक हस्तक्षेप न करना, ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों के वेतन या भत्ता में बढ़ोत्तरी, सभी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा व पेंशन योजना को गति प्रदान करना आदि शामिल हैं।

Aaquil Jawed Reported By Aaquil Jawed |
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बीते 16 अगस्त से बिहार के मुखियाओं का राज्यव्यापी कार्य बहिष्कार लगातार जारी है। अपनी मांगों को लेकर आज राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालयों पर मुखियाओं ने धरना प्रदर्शन किया।

आज कटिहार जिले के आजमनगर प्रखंड के मुखिया संघ द्वारा प्रखंड मुख्यालय पर एक दिवसीय धरना दिया गया। धरना में मुखिया संघ अध्यक्ष मो. मसलेउद्दीन सहित पूरी 28 पंचायतों के सभी मुखिया मौजूद थे। यह प्रदर्शन बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ के आह्वान पर ग्राम पंचायतों के अधिकारों में कटौती के विरोध में किया गया।

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मो. मसलेउद्दीन ने कहा, “हमलोग दो साल से सरकार को कहते आ रहे हैं कि मुखिया और वार्ड सदस्य की जो वाजिब मांग है उसको पूरा करें। लेकिन बिहार सरकार सुन ही नहीं रही है। आज मजबूरन हमलोगों को राज्यव्यापी हड़ताल करनी पड़ी। इससे पहले भी 19 सूत्री मांगो को बिहार सरकार के पास भेजा गया था लेकिन सरकार ने अब तक कुछ नहीं किया।”


आलमपुर पंचायत के मुखिया पति इज़हार आलम ने कहा, “हमलोगों की जो 19 मांगे हैं, सरकार उसे पूरा करे। 19 मांगों में एक महत्त्वपूर्ण मांग “जान की रक्षा” करने से संबंधित है। इससे पूर्व मंत्री जी ने कहा था कि जो भी मुखिया है उसको आर्म्स का लाइसेंस दिया जाए। हमलोगों ने लाइसेंस के लिए अप्लाई किया, लेकिन अभी तक लाईसेंस नहीं मिल पाया है। आए दिन बिहार में पंचायत प्रतिनिधियों पर जानलेवा हमला हो रहा है।”

क्या हैं मुखिया संघ की मुख्य मांगें ?

मुखिया संघ की मुख्य मांगों में मांग ग्राम पंचायत को 73वें संविधान संशोधन के तहत प्रदत्त 29 अधिकारों को पूर्णरूपेण ग्राम पंचायत को सौंपना, ग्राम सभा से चयनित योजनाओं को प्राथमिकता देना, सरकार द्वारा ग्राम सभा में अनावश्यक हस्तक्षेप न करना, ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों के वेतन या भत्ता में बढ़ोत्तरी, सभी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा व पेंशन योजना को गति प्रदान करना आदि शामिल हैं।

पंचायत का चक्कर लगा रहे ग्रामीण

हड़ताल का असर पंचायतों में दिख रहा है। गांव के अधिकांश लोगों को कम ही पता है कि मुखिया हड़ताल पर चले गए हैं। ऐसे में फरियादी अपनी फरियाद लेकर पंचायत कार्यालय और पंचायत भवन में मुखिया के पास अपनी समस्याएं सुनाने पहुंचते हैं और वापस लौट जाते हैं। किसी को वृद्धा पेंशन के लिए दस्तावेज बनवाना है तो किसी को राशन कार्ड बनवाना है, लेकिन वे पंचायत कार्यालय और भवन के पास आकर मुखिया को कुर्सी पर न पाकर वापस लौट जा रहे हैं।

हालांकि, हड़ताल पर बैठे मुखियाओं ने आश्वासन दिया कि राज्य मुखिया संघ के निर्णय पर सभी हड़ताल पर हैं। यह हड़ताल अभी जारी रहेगी, लेकिन जो भी जनता मुखिया के पास अपने कार्यों को लेकर मार्गदर्शन के लिए आएंगे, उन्हें उचित सलाह व परामर्श दिया जाएगा।”

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Aaquil Jawed is the founder of The Loudspeaker Group, known for organising Open Mic events and news related activities in Seemanchal area, primarily in Katihar district of Bihar. He writes on issues in and around his village.

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