किशनगंज की गाछपाड़ा पंचायत स्थित कामार मनी गांव में महानंदा और डोंक नदी का संगम होता है। साल 2017 में आई बाढ़ के बाद भविष्य में इन दो नदियों के प्रकोप से बचने के लिए यहां तटबंध का निर्माण किया गया था। इस गाँव के लोग इन दिनों बालू माफिया द्वारा किए जा रहे बालू खनन से काफी चिंतित हैं। ग्रामीणों को बालू खनन से एक और भयावह बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने का डर सताने लगा है।
बालू माफ़िया नदी किनारे अर्थमूवर और दर्जनों ट्रैक्टर लगाकर बालू निकाल रहे हैं। साल 2017 में इस तटबंध के ध्वस्त होने से बाढ़ आई थी और इस इलाके में भारी तबाही हुई थी। ग्रामीण बताते हैं कि उनके विरोध के बावजूद इलाके में बालू खनन रुक नहीं रहा है।
स्थानीय निवासी राकीब आलम का कहना है कि हर साल बरसात के मौसम में पानी सड़क से होते हुए घरों तक आ जाता है। मजबूरी में गांव के लोगों को सरकारी स्कूल में शरण लेनी पड़ती है।
वहीं, अवैध बालू खनन करवा रहे व्यक्ति से सवाल किया गया, तो उसने कहा कि वह जिला खनन विभाग से अनुमति लेकर खनन कर रहा है। उसने बताया कि उसके अलावा दूसरे लोग भी यहां खनन करते हैं और वही लोग उसका विरोध कर रहे हैं।
इस मामले में किशनगंज जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं था। उन्होंने जिला खनन पदाधिकारी को भेजकर घटनास्थल पर छापा मारने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही।
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