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बिहार के शिक्षा मंत्री के रामचरितमानस पर बयान पर क्यों है हंगामा

राजद के कोटे से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने 11 जनवरी को रामचरितमानस और मनुस्मृति को समाज को तोड़ने वाला ग्रंथ बताया।

Navin Kumar Reported By Navin Kumar |
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राजद के कोटे से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने 11 जनवरी को रामचरितमानस और मनुस्मृति को समाज को तोड़ने वाला ग्रंथ बताया। उन्होंने कहा कि रामचरित मानस, मनुस्मृति और बंच ऑफ थॉट्स समाज में नफरत फैलाने वाली किताब है।

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने 11 जनवरी को नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि रामचरितमानस और मनुस्मृति समाज को तोड़ने वाला ग्रंथ हैं। उन्होंने कहा, “रामचरितमानस, मनुस्मृति और गुरु गोलवलकर की किताब बंच ऑफ थॉट्स ने समाज में नफरत फैलाई है।”

शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस के एक अंश का जिक्र करते हुए कहा था, “नीची जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले बन जाते हैं। मनुस्मृति को इसलिए जलाया जाता है क्योंकि उसमें एक बड़े तबके (नीची जाति) के खिलाफ गाली दी गई है। इन ग्रंथों ने दुनिया में सिर्फ नफरत फैलाई है।एक युग में रामचरितमानस, दूसरे युग में मनुस्मृति और तीसरे युग में गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स ने देश को बांटा है। नफरत देश को महान नहीं बनाता है, बल्कि मोहब्बत देश को महान बनाता है।”


बयान पर बिहार में सियासी घमासान

शिक्षा मंत्री के इस बयान बिहार में सियासी लड़ाई छिड़ गई है। भाजपा ने इस बयान की तीखी निंदा करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

बीजेपी विधायक नीरज कुमार बब्लू ने कहा है कि अगर शिक्षा मंत्री इस तरह का बयान देंगे, तो बिहार में शिक्षा का क्या होगा? ये बयान हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। किसी विशेष धर्म के लोगों से वोट लेने की लिए इस तरह का बयान दिया जाता है।

राजद के गठबंधन सहयोगी जदयू के नेताओं ने भी इस बयान की आलोचना की है। जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि राजद, बीजेपी के एजेंडे पर काम कर रहा है। राजद ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि आरजेडी के शीर्ष नेतृत्व ने मंत्री के बयान का समर्थन किया। इसका मतलब है कि आरजेडी के नेताओं को कई मामलों में केंद्र से मदद चाहिए, इसलिए आरजेडी, बीजेपी को मदद पहुंचा रही है।”

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मगर, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने शिक्षा मंत्री के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि कमंडल के आगे मंडल हार नहीं मानेगा। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने चंद्रशेखर सिंह के बयान को ठीक बताया।

सोशल मीडिया पर भी हलचल

रामचरितमानस पर टिप्पणी सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है। सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए रामचरितमानस की अलग अलग व्याख्या की जा रही है। शिक्षा मंत्री के समर्थन और विरोध में भी ट्वीट्स और पोस्ट्स लिखे जा रहे हैं।

कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट कर शिक्षा मंत्री को अपने सत्संग आमंत्रण तक दे दिया। उन्होंने ट्वीट किया, “आदरणीय नीतीश कुमार जी, भगवान शंकर के नाम को निरर्थक कर रहे आपके अशिक्षित शिक्षामंत्री जी को शिक्षा की अविलंब आवश्यकता है। आपका मेरे मन में अतीव आदर है, इसलिए इस दुष्कर कार्य के लिए स्वयं को प्रस्तुत कर रहा हूं। इन्हें “अपने अपने राम” सत्र में भेजें ताकि इनका मनस्ताप शांत हो।‌”

शिक्षा मंत्री अपने बयान पर कायम

इन सबके बीच, शिक्षा मंत्री अभी भी अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में नारी और छोटी जाति के बारे में गलत लिखा हुआ है, इसलिए विरोध किए हैं। मेरे बयान से सिर्फ संविधान जलाने वालों को आपत्ति है, इसलिए मुझे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। कोई कुछ भी बोले, मैं अपने बयान पर कायम हूं।”

उन्होंने इसे वैचारिक संघर्ष बताया है। उन्होंने ट्वीट किया, “मेरी आवाज बहुजनों के हक में है और मैं उस पर अडिग और कायम रहूंगा।”

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नवीन कुमार बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले हूं। आईआईएमएससी दिल्ली से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। अभी स्वतंत्र पत्रकारिता करते हैं। सामाजिक विषयों में रुचि है। बिहार को जानने और समझने की निरंतर कोशिश जारी है।

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