Main Media

Get Latest Hindi News (हिंदी न्यूज़), Hindi Samachar

Support Us

कौन हैं बिहार में कांग्रेस के मुस्लिम मंत्री आफ़ाक़ आलम ?

Main Media Logo PNG Reported By Main Media Desk |
Published On :
md afaque alam taking oath as a cabinet minister in bihar mahagathbandhan government

बिहार में करीब पांच साल बाद वापस महागठबंधन की सरकार बन गई है। मंगलवार को राजद-जदयू महागठबंधन की इस सरकार के 31 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इस बार 5 मुस्लिम चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। सीमांचल के कसबा से कांग्रेस विधायक आफ़ाक़ आलम भी इसमें शामिल हैं।


65 वर्षीय आफ़ाक़ आलम को पशु व मत्स्य संसाधन मंत्री बनाया गया है।

Also Read Story

बिहार: सात निश्चय योजनाओं में अररिया जिला शीर्ष पर, मधुबनी सबसे पीछे

बिहार में 29 IPS ट्रांसफर, कटिहार, पूर्णिया सहित कई जिलों के SP बदले

अररिया: अज्ञात बीमारी से बच्चों की मौत की जांच के लिए पटना से सर्वेक्षण टीम पहुंची

बिहार राज्य फसल सहायता योजना में खरीफ 2024 के लिए आवेदन शुरू, यहाँ जानें सब कुछ

कोरोना काल से अब तक बिहार में 16.37 लाख राशन कार्ड रद्द

बिहार: शिक्षा विभाग में तबादले, किशनगंज, गोपालगंज, सिवान, बक्सर, खगड़िया को मिले नए DEO

मधेपुरा के नए डीएम तरनजोत सिंह ने किया पदभार ग्रहण

अररिया के नए डीएम के रूप में अनिल कुमार ने किया पदभार ग्रहण

विशाल राज ने किया किशनगंज के 28वें DM का पदभार ग्रहण

चौथी बार बने हैं विधायक

आफ़ाक़ आलम 2000 बिहार विधानसभा चुनाव में पूर्णिया ज़िले के कसबा विधानसभा क्षेत्र से बतौर आज़ाद उम्मीदवार चुनाव लड़े थे। लेकिन, लगभग पांच हज़ार वोटों से ये चुनाव हार गए। साल 2005 के फ़रवरी और अक्टूबर में हुए चुनाव में आफ़ाक़ समाजवादी पार्टी के टिकट पर मैदान में थे। फरवरी वाले विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के प्रदीप कुमार दास को पटखनी दे दी, लेकिन अक्टूबर में जब दोबारा चुनाव हुआ, तो आफ़ाक़ आलम को हार का मुंह देखना पड़ा।


साल 2010 बिहार विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस ने टिकट दिया और वापस चुनाव जीतने में सफल रहे। साल 2015 में भी महागठबंधन के साझा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीते और साल 2020 में उन्होंने लोजपा टिकट पर चुनाव लड़ रहे प्रदीप कुमार दास को हराया।

2020 में जीत के बाद मिली बड़ी ज़िम्मेदारी

2020 में चौथी बार विधायक बनने के बाद कांग्रेस के आफ़ाक़ आलम को बड़ी ज़िम्मेदारियाँ दी गईं। 19 विधायकों वाले कांग्रेस विधायक दल के उपनेता बनाए गए। साथ ही विधानसभा के अल्पसंख्यक कल्याण समिति के अध्यक्ष भी बने। मंगलवार को कांग्रेस के सिर्फ दो विधायकों ने बतौर मंत्री शपथ लिया, आफ़ाक़ आलम उनमें से एक हैं। अगर जिले की बात करें तो, आफ़ाक़ आलम के अलावा जदयू की मंत्री लेशी सिंह भी पूर्णिया ज़िले के धमदाहा से विधायक हैं।

अंत तक चली मंत्री बनने के लिए खींचतान

कांग्रेस को महागठबंधन सरकार में दो ही मंत्री मिले, इसलिए पार्टी के अंदर इसको लेकर अंत तक खींचतान चलती रही। कटिहार के कदवा विधानसभा से लगातार दूसरी बार विधायक बने शकील अहमद खान और आफ़ाक़ आलम में से एक मुस्लिम चेहरे को कांग्रेस की तरफ से मंत्री बनना था। एक तरफ आफ़ाक़ आलम पार्टी के एक सीनियर नेता थे, तो दूसरी तरफ शकील अहमद खान की पहुँच कांग्रेस के आलाकमान तक मानी जाती है। लेकिन, सोमवार रात को कांग्रेस के नेताओं के आफ़ाक़ आलम के नाम पर मुहर लगा दी।

congress leader afaque alam ministry portfolio

कौन हैं बिहार के नए आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज़?

स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी: आधी हकीकत, आधा फसाना


सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

Main Media is a hyper-local news platform covering the Seemanchal region, the four districts of Bihar – Kishanganj, Araria, Purnia, and Katihar. It is known for its deep-reported hyper-local reporting on systemic issues in Seemanchal, one of India’s most backward regions which is largely media dark.

Related News

₹108 करोड़ से कटिहार व बेगूसराय में बनेंगे अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय

वर्षों से अनुपस्थित बिहार के सात सरकारी डॉक्टर बर्खास्त, पांच सीमांचल के

जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास में 91 प्रबंधकों के पद सृजित

‘जेल में 90% आदमी हमारे लोग हैं’, राजद विधायक इज़हार असफी की शिक्षक को धमकी

भूमि सर्वेक्षण में अराजकता, लोगों में हाहाकार: विधायक महबूब आलम

शराबबंदी वाले बिहार में शराब से परेशान महिलाएं, झाड़ू-डंडा लेकर सड़क पर उतरीं

अररिया जिले में बज्रपात से तीन की मौत, पांच लोग झुलसे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

अप्रोच पथ नहीं होने से तीन साल से बेकार पड़ा है कटिहार का यह पुल

पैन से आधार लिंक नहीं कराना पड़ा महंगा, आयकर विभाग ने बैंक खातों से काटे लाखों रुपये

बालाकृष्णन आयोग: मुस्लिम ‘दलित’ जातियां क्यों कर रही SC में शामिल करने की मांग?

362 बच्चों के लिए इस मिडिल स्कूल में हैं सिर्फ तीन कमरे, हाय रे विकास!

सीमांचल में विकास के दावों की पोल खोल रहा कटिहार का बिना अप्रोच वाला पुल