त्रिस्तरीय पंचायत के वार्ड सदस्यों के अधिकारों में कटौती के विरोध में किशनगंज के भेड़ियाडांगी प्रखंड मुख्यालय स्थित वार्ड सदस्य संघ ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया। धरना दे रहे वार्ड सदस्यों ने एक सुर में नियमवाली 2017 के तहत वार्ड क्रियान्वयन व प्रबंधन समिति के खाते में सात निश्चय पार्ट टू का रुपया सीधे वार्ड के बैंक खातों में हस्तांतरित करने, विकलांग पेंशन, विधवा पेंशन को बढ़ाकर 1000 रुपये करने की मांग रखी।
वार्ड सदस्य संघ की मुख्य मांगों में कन्या विवाह की वर्तमान राशि 5000 रुपये को बढ़ाकर 25000 रुपये करना, 30 दिन के अंदर लाभुकों के खाते में पैसा भेजना, प्रधानमंत्री आवास योजना कि वर्तमान राशि को बढ़ाकर ढाई लाख रुपये करना शामिल हैं।
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किशनगंज प्रखंड के वार्ड सदस्य संघ के कोषाध्यक्ष अलीम अख्तर ने बिहार सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकालते हुए कहा कि वार्ड सदस्यों के साथ सरकार दोहरी नीति अपना रही है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों पर बिहार सरकार विचार नहीं करती है तो आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में नीतीश कुमार का क्या हाल होगा दुनिया देखेगी। वार्ड सदस्य संघ के प्रखंड अध्यक्ष मो. शाकिर आलम ने बताया कि आज वार्ड सदस्यों का हाल ‘करो या मरो’ जैसा हो गया है। वार्ड सदस्यों को ना तो अधिकारी सम्मान देते है और ना ही मुखिया।
पोठिया प्रखंड में भी प्रदर्शन
किशनगंज के पोठिया प्रखंड कार्यालय परिसर में भी अपनी मांगों को लेकर पंचायत वार्ड सदस्यों ने एकदिवसीय धरना का आयोजन किया। धरने में बड़ी संख्या में प्रखंड के वार्ड़ सदस्यों ने भाग लिया और अपनी मांगों को लेकर आवाज़ बुलंद की। वार्ड सदस्यों का धरना पूरे राज्य भर में उनके संघ के आह्वान पर किया गया।
धरने में शरीक हुए वार्ड सदस्यों ने कहा कि सरकार वार्ड सदस्यों का अपमान करना बंद करे और उनकी जायज मांगों को स्वीकार करे। वार्ड सदस्यों ने वार्ड क्षेत्र में क्रियान्वित प्रत्येक योजना में अनिवार्य रूप से संबंधित वार्ड सदस्य को ही अभिकर्ता बनाने तथा संबंधित सदस्यों की सहमति के पश्चात ही किसी अन्य को सदस्य बनाने की मांग उठाई।
पोठिया प्रखंड के वार्ड सदस्य संघ प्रतिनिधि मो. करीम ने कहा कि पूरे बिहार में वार्ड सदस्य संघ के आह्वान पर एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया और उन्होंने अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन सौंपा।
उन्होंने कहा, “हमलोग मांग कर रहे हैं कि वार्ड क्रियान्वन प्रबंधन समिति जो चालू की गयी थी, उनको पूर्ण अधिकार दिया जाये। वार्ड सदस्य को नली-गली योजना का काम फिर से सौंपा जाये। सरकार को लग रहा है कि हमलोग से काम नहीं हो रहा है। सरकार चाहे तो इसकी उच्च स्तरीय जांच करा ले। हमलोगों ने अच्छे से काम किया है। जिला किशनगंज नंबर वन है। हर जगह काम हुआ है। लेकिन प्रशासन द्वारा हमलोगों के खिलाफ साजिश की गयी है कि वार्ड सदस्यों ने काम नहीं किया है और पैसों का गबन किया है, यह सरासर गलत है।”
वार्ड क्रियान्वयन प्रबंधन समिति कार्य संचालन नियमावली के आलोक में मुख्यमंत्री पेय जल निश्चय योजना तथा गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना कार्य हेतु क्रियान्वयन प्रबंधन समिति वार्ड स्तर पर बनाने का नियम है। उसी के आलोक में वार्ड सदस्य संघ ग्रामीण क्षेत्र के गली-नाली निर्माण कार्य तथा पेयजल निश्चय योजना कार्य वार्ड क्रियान्वयन प्रबंधन समिति के माध्यम से कराते हुए तत्काल वित्तीय अधिकार उपलब्ध कराने की मांग की है।
ग्राम पंचायत रायपूर के पांच बार वार्ड सदस्य रह चुके धनीश्वर हरिजन भी धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि वार्ड सदस्य पूरी ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने आश्वासन दिया था कि सात निश्चय-2 को शुरू करेंगे और पहले की तरह इसकी जिम्मेदारी वार्ड सदस्यों को दी जायेगी, लेकिन 20 महीने गुजरने के बाद भी अब तक अधिकार नहीं मिला है।
“हमलोगों को फंड की काफी जरूरत है, ताकि विकास कार्य किया जा सके और जनसंपर्क भी बना रहे। जनता ने हमलोगों को काफी आशा के साथ मतदान किया है। लेकिन हमलोग उस आशा पर खड़ा नहीं उतर पा रहे हैं। हमको लोग सवाल पूछते हैं कि पहले तो वार्ड सदस्य लोग खूब काम कर रहे थे, लेकिन अब कुछ हो नहीं रहा है। हमें कहना पड़ता है कि पहले वार्ड सदस्यों को सरकार ने जो अधिकार दिये थे उनसे अब वंचित रखा जा रहा है। जिस वजह से हमारा संपर्क जनता से टूट गया है,” उन्होंने कहा।
प्रदर्शन में शरीक हुए एक अन्य वार्ड सदस्य ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया तो आने वाले लोकसभा चुनाव और उसके बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।
“सरकार ने पंचायत चुनाव तो करा लिया, लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों को कोई काम नहीं सौंपा या इस लायक समझा जिससे पंचायती राज का उद्देश्य पूरा हो सके। ऐसे में पंचायत के वार्ड सदस्यों की दुर्दशा काफी दयनीय है। सरकार के सौतेला व्यवहार और अनदेखी की अगर फेहरिस्त बनायेंगे तो वो काफी लंबी हो जायेगी। लेकिन उन सब में फिलहाल हमारे संघ ने नौ सूत्री मांगों पर फोकस कर इस धरने का आयोजन किया है। हमारा उद्देश्य है कि सरकार इन नौ मांगों पर विचार कर उसको स्वीकार करे। अन्यथा आने वाले आम चुनाव में सरकार को इसका खमियाज़ा भुगतना पड़ेगा,” उन्होंने कहा।
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