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“भूलवश जारी हुआ था पत्र” – जाति गणना करनेवाले शिक्षकों को नहीं मिलेगा क्षतिपूर्ति अवकाश

कुछ माह पहले बिहार सरकार द्वारा शिक्षकों को जाति आधारित गणना कार्य में लगाया गया था। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी सह चार्ज पदाधिकारी के द्वारा पत्र जारी कर छुट्टी के दिनों में काम करने के बदले क्षतिपूर्ति अवकाश देने की बात कही गई थी। लेकिन अब कहा जा रहा है कि इन शिक्षकों को क्षतिपूर्ति अवकाश का लाभ नहीं मिलेगा। जो पत्र जारी हुआ था, वह भूलवश जारी हो गया था।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
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कुछ माह पहले बिहार सरकार द्वारा शिक्षकों को जाति आधारित गणना कार्य में लगाया गया था। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी सह चार्ज पदाधिकारी के द्वारा पत्र जारी कर छुट्टी के दिनों में काम करने के बदले क्षतिपूर्ति अवकाश देने की बात कही गई थी। लेकिन अब कहा जा रहा है कि इन शिक्षकों को क्षतिपूर्ति अवकाश का लाभ नहीं मिलेगा। जो पत्र जारी हुआ था, वह भूलवश जारी हो गया था।

किशनगंज के पोठिया प्रखंड विकास पदाधिकार द्वारा 23 जनवरी 2023 को जारी एक पत्र में क्षतिपूर्ति अवकाश देने की बात कही गई। इस पत्र में कहा गया कि 7 जनवरी से 21 जनवरी के बीच जाति आधारित गणना के प्रथम चरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। प्रतिनियुक्त अवधि में रविवार तथा राजपत्रित अवकाशों के दिनों में किए गए कार्य के बदले में क्षतिपूर्ति अवकाश देय होगा।

ऐसा ही पत्र अररिया जिले के जोकीहाट और फारबिसगंज के प्रखंड विकास पदाधिकारियों द्वारा जारी किया गया था।


5 जून को फारबिसगंज के बीडीओ द्वारा जारी आदेश में क्षतिपूर्ति अवकाश स्वीकृति का पूरा विवरण दर्ज है।

forbesganj bdo letter about teacher holiday

लेकिन पत्र जारी होने के लगभग 6 महीने के बाद पदाधिकारी को यह एहसास हुआ कि पूर्व में जो पत्र जारी किया गया था, वह पत्र भूलवश जारी हो गया था। 6 महीने बाद अब उन पत्रों को निरस्त किया जा रहा है, जबकि सैकड़ों ऐसे शिक्षक हैं जो जाति आधारित गणना कार्य में मिले क्षतिपूर्ति अवकाश का उपयोग भी कर चुके हैं।

5 जुलाई को किशनगंज के जिलाधिकारी की तरफ से एक पत्र जारी किया गया है। इस पत्र में जिलाधिकारी ने दिघलबैंक के प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा पत्र जारी करने को लेकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। डीएम के पत्र जारी करने के बाद किशनगंज के जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा पत्र जारी कर क्षतिपूर्ति अवकाश को निरस्त करने की बात कही जा रही है।

kishanganj dm office letter

पत्र में लिखा है, “निरीक्षण के क्रम में लगातार यह बात देखी जा रही है कि जाति आधारित गणना के आलोक में प्रखंड विकास पदाधिकारी / चार्ज पदाधिकारी द्वारा शिक्षकों / प्रधानाध्यापकों को क्षतिपूर्ति अवकाश की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है व संबंधित शिक्षकों / प्रधानाध्यापकों द्वारा लगातार इसका उपयोग किया जा रहा है। अंकनीय है कि उक्त कार्य के निमित विभागीय स्तर से प्रतिपूर्ति की राशि प्रावधानित है जिसके एवज में क्षतिपूर्ति अवकाश नहीं दिया जा सकता है। साथ ही इस संबंध में किसी प्रकार का विभागीय निर्देश प्राप्त नहीं है।”

इस पत्र में क्षतिपूर्ति अवकाश को रद्द कर प्रधानाध्यापकों को शिक्षकों द्वारा उपभोग किये गए क्षतिपूर्ति अवकाश को आकस्मिक अवकाश में बदलने का निर्देश दिया गया है। ऐसा ही पत्र अररिया जिले के जोकीहाट और फारबिसगंज तथा नवादा जिले के नारदीगंज के प्रखंड विकास पदाधिकारियों द्वारा भी जारी किया गया है।

ऐसे में सवाल पैदा होता है कि आखिर किसी पदाधिकारी से भूलवश कोई पत्र कैसे जारी हो सकता है। यह शिक्षकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि कड़ाके की ठंड और भीषण गर्मी के दौरान छुट्टी के दिनों में भी शिक्षकों पर दबाव देकर जाति आधारित गणना कार्य करवाया गया।

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शिक्षकों का कहना है कि इसके एवज में शिक्षकों को सरकारी राशि का भुगतान भी नहीं किया गया। छुट्टी के दिनों में काम के बदले मिले क्षतिपूर्ति आकाश को भी अब रद्द कर दिया गया है। ऐसे में शिक्षक नेताओं का कहना है कि आगे अगर पुनः गणना कार्य में शिक्षकों को लगाया जाता है, तो सभी शिक्षक इसका विरोध करेंगे और खुद को जाति आधारित गणना कार्य से दूर रखेंगे।

इस बारे में अररिया टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के कार्यकारी जिलाध्यक्ष मेराज खान ने कहा कि चार्ज अधिकारी के द्वारा भूलवश पत्र जारी करने की बात करना बेहद शर्मनाक है। बिहार सेवा संहिता में क्षतिपूर्ति अवकाश को लेकर स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि राज्य सरकार के द्वारा किसी भी कर्मी से अगर छुट्टी के दिनों में या राजकीय अवकाश के दिनों में कोई काम लिया जाता है, तो उसके बदले क्षतिपूर्ति अवकाश देय होगा। ऐसे में चार्ज अधिकारी के द्वारा यह कहना कि क्षतिपूर्ति अवकाश के संबंध में जारी पत्र भूलवश जारी हुआ था, काफी हास्यास्पद है।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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