देश की 17वीं लोकसभा का अंतिम बजट सत्र 10 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के साथ ख़त्म हो गया। 17वीं लोकसभा में पूरे 5 साल के दौरान कुल 274 बैठकें हुईं। इस दौरान कई ऐसे सांसद भी रहे जिन्होंने लोकसभा के किसी भी डिबेट में भाग नहीं लिया, वहीं कुछ ऐसे सांसद भी रहे, जो एक दिन भी सत्र से ग़ायब नहीं रहे।
महाराष्ट्र की अकोला सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद संजय शामराव धोतरे और उत्तर प्रदेश के घोसी से बहुजन समाज पार्टी सांसद अतुल कुमार सिंह ऐसे सांसद रहे, जिन्होंने पूरे पांच साल में लोकसभा के किसी भी डिबेट में भाग नहीं लिया। लोकसभा सत्रों में संजय शामराव धोतरे की हाजिरी शून्य प्रतिशत और अतुल कुमार सिंह की हाजिरी 1 प्रतिशत रही। इस दौरान दोनों सांसदों ने एक भी सवाल नहीं पूछा।
लोकसभा में सबसे अधिक उपस्थिति भारतीय जनता पार्टी के राजस्थान की अजमेर सीट से सांसद भागीरथ चौधरी, हरियाणा की सिरसा सीट से सांसद सुनीता दुग्गल, हरियाणा के सोनीपत से सांसद रमेश चंद्र कौशिक और छत्तीसगढ़ की कांकेर सीट के सांसद मोहन मंडावी का रहा। ये सांसद लोकसभा के सभी सत्रों में 100 प्रतिशत उपस्थित रहे।
वहीं, लोकसभा में सबसे अधिक सवाल पश्चिम बंगाल के बालुरघाट से भाजपा सांसद सुकांत मजूमदार ने पूछे। उन्होंने सदन में 654 सवाल पूछे। मध्य प्रदेश के मंदसौर से भाजपा सांसद सुधीर गुप्ता और महाराष्ट्र के मावल से शिव सेना सांसद श्रीरंग अप्पा बरने 635 सवालों के साथ दूसरे स्थान पर रहे।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा में सांसदों का औसत अटेंडेंस 79 प्रतिशत रहा, वहीं डिबेट्स में भाग लेने का औसत 46.7 और लोकसभा में सवाल पूछने का औसत 210 रहा। वहीं, बिहार के सांसदों का औसत अटेंडेंस 86 प्रतिशत, डिबेट्स में भाग लेने का औसत 42.4 और सवाल पूछने का औसत 156 है।
17वीं लोकसभा में पूरे पांच साल के दौरान कुल 221 बिल पास हुए, जिनमें 42 बिल बजट से संबंधित और 179 अन्य बिल थे। इन बिलों में महिला आरक्षण बिल-2023, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन बिल-2019, मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्ति बिल-2023 और डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बिल-2023 प्रमुख रूप से शामिल हैं।
ये आंकड़े पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च संगठन ने जारी किये हैं। सांसदों की उपस्थिति संबंधित सूचना तथा सत्रों की कार्यवाही में सांसदों द्वारा पूछे गये सवालों से संबंधित आंकड़े संगठन ने लोकसभा की आधिकारिक वेबसाइट से उठाये हैं।
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बिहार के सांसदों में सबसे अधिक उपस्थिति शिवहर लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की सांसद रमा देवी और सुपौल लोकसक्षा क्षेत्र से जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद दिलेश्वर कामत का रहा। लोकसभा सत्रों में दोनों सांसदों की उपस्थिति 99 प्रतिशत रही।
वहीं, बिहार के सांसदों में सबसे अधिक सवाल महाराजगंज के भारतीय जनता पार्टी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने पूछे। जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने लोकसभा में विभिन्न मुद्दों को लेकर 322 सवाल पूछे।
सुपौल से जनता दल (यूनाइटेड) सांसद दिलेश्वर कामत 304 सवालों के साथ दूसरे, नालंदा के जदयू सांसद कौशलेंद्र कुमार 294 सवालों के साथ तीसरे, अररिया से भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह 286 सवालों के साथ चौथे और शिवहर सो भाजपा सांसद रमा देवी 273 सवालों के साथ पांचवें स्थान पर हैं।
किशनगंज सांसद जावेद आज़ाद का रिपोर्ट कार्ड
लोकसभा सत्रों में बिहार के किशनगंज लोकसभा सीट से सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद आज़ाद का अटेंडेंस 96 प्रतिशत रहा। डॉ. जावेद आज़ाद ने पूरे पांच साल में सत्रों के दौरान कुल 53 डिबेट में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने 229 सवाल पूछे और 6 प्राइवेट मेंबर बिल भी पेश किया।
डिबेट के दौरान सासंद डॉ. जावेद आज़ाद ने किशनगंज के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी सेंटर में फंड की कमी का मुद्दा उठाया। एएमयू सेंटर के लिये फंड की मांग के साथ-साथ नेशनल ग्रीन ट्राब्यूनल (एनजीटी) क्लियरेंस को लेकर भी उन्होंने आवाज़ उठाई।
अपने पूरे 5 साल के कार्यकाल में किशनगंज सांसद डॉ. जावेद ने विभिन्न मुद्दों पर कुल 229 सवाल पूछे। सांसद ने किशनगंज में एयरपोर्ट तथा एम्स अस्पताल का निर्माण, किशनगंज रेलवे स्टेश का पुनर्विकास, किशनगंज में चाय फैक्टरी खोलना, पीने के पानी में आयरन, किशनगंज से पटना के बीच जनशताब्दी ट्रेन की शुरुआत, गलगलिया से अररिया रेल लाइन और किशनगंज के पर्यटन स्थलों के सौंदर्यीकरण से संबंधित सवाल पूछे।
इसके अतिरिक्त सांसद द्वारा महानंदा रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट, सुरजापुरी जाति को ओबीसी में शामिल करना, किशनगंज से जलालगढ़ नई रेल लाइन परियोजना, सीमांचल में जूट उद्योग को बढ़ावा देना, चाय किसानों को एमएसपी, मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन स्कीम और किशनगंज में फ्लाई ओवर और सर्विस लेन के निर्माण से संबंधित सवाल भी पूछे गए।
सांसद जावेद आज़ाद ने लोकसभा में 6 प्राइवेट मेंबर बिल भी पेश किये। इनमें सीआरपीसी (संशोधन) बिल-2023 के सेक्शन 2 को संशोधित करने, भारतीय दंड संहिता (संशोधन) बिल-2021 के सेक्शन 124ए को खत्म करने, सोलर प्लांट्स के अनिवार्य इंस्टॉलेशन बिल-2021, पशु क्रूरता निवारण (संशोधन) बिल-2021 के सेक्शन 11 को संशोधित करने, विकलांग व्यक्तियों के अधिकार (संशोधन) बिल-2021 के संशोधन और स्वास्थ्य सेवा प्रदाता और सुविधाएं (हिंसा और संपत्ति को नुकसान की रोकथाम) बिल-2023 शामिल हैं।
पूर्णिया एमपी संतोष कुशवाहा का परफॉरमेंस
पूर्णिया के सांसद संतोष कुमार कुशवाहा लोकसभा के 81 प्रतिशत सत्रों मे उपस्थित रहे। उन्होंने लोकसभा के विभिन्न सत्रों के 26 डिबेट्स में भाग लिया। उन्होंने इस बीच लोकसभा में विभिन्न मुद्दों को लेकर 128 सवाल पूछे। पूरे पांच साल के कार्यकाल में उन्होंने कोई भी प्राइवेट मेंबर बिल पेश नहीं किया।
सांसद संतोष कुशवाहा ने पूर्णिया से खगड़िया के बीच एनएच-31 के चौड़ीकरण, पूर्णिया कोर्ट रेलवे स्टेशन पर वाशिंग पिट का निर्माण, पूर्णिया एयरपोर्ट का विकास, सैलाब की तबाही से बचाने के लिये नेपाल में बांध का निर्माण, ग़ैर-क़ानूनी पैथॉलोजी लैब की रोकथाम, बिहार में एनएच का निर्माण और पूर्णिया से नई दिल्ली, मुंबई तथा कोटा के बीच नई ट्रेन के परिचालन संबंधी प्रश्न पूछे।
साथ-साथ पूर्णिया के सांसद ने बिहार में नये केंद्रीय विश्वविद्यालयों की स्थापना, देश में जाति आधारित गणना करवाने, पूर्णिया में एनएच कनेक्टिविटी, पूर्णिया में नई फर्टिलाइज़र प्लांट खोलने, बिहार में फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना और बिहार तथा झारखंड में एनएच के विकास से संबंधित प्रश्न भी उठाए।
अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह का स्टेटस
अररिया लोकसभा सीट से सांसद प्रदीप कुमार सिंह लोकसभा के 96 प्रतिशत सत्रों में हाजिर रहे। उन्होंने 5 साल के दौरान लोकसभा के 34 डिबेट्स में हिस्सा लिया, और इस दौरान उन्होंने अलग-अलग मुद्दों पर 286 सवाल पूछे। हालांकि, इस दौरान उन्होंने कोई भी प्राइवेट मेंबर बिल पेश नहीं किया।
सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने बिहार में वर्तमान में जारी रेलवे प्रोजेक्ट, बिहार के प्रवासी मज़दूरों को हुनर सिखाने, अररिया के फारबिसगंज में एयरपोर्ट का निर्माण, बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने, अररिया में नये एयरपोर्ट का निर्माण, बिहार में नये ट्रेनों का परिचालन और ओबीसी छात्रों के लिये प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप से संबंधित सवाल पूछे।
साथ ही सांसद ने बाल श्रमिक, बढ़ती बेरोज़गारी, स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करने, कच्चे तेल की बढ़ती क़ीमत, फास्ट ट्रैक कोर्ट्स, खदानों में हुए हादसे, मनरेगा में सुधार, कोविड लॉकडाउन के दौरान एयर टिकट रिफंड, इंटरनेट कंपनियों के रेगुलेशन, महानगरों में बढ़ते वायू प्रदुषण को लेकर भी लोकसभा में सवाल उठाए।
कटिहार सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी की स्थिति
कटिहार के सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी ने पांच सालों में 48 डिबेट्स में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने 175 सवाल पूछे और लोकसभा के सत्रों में उनकी हाजिरी 95 प्रतिशत रही। दुलाल चंद्र गोस्वामी ने पांच साल के अंदर एक भी प्राइवेट मेंबर बिल लोकसभा में पेश नहीं किया।
सांसद ने बिहार में बाढ़ की रोकथाम, कटिहार रेल डिवीज़न के अंतर्गत विभिन्न रेलवे स्टेशन का विकास, गौशाला में फुट ओवरब्रिज, पूर्णिया एयरपोर्ट का पुनर्विकास, बिहार में कृषि आधारित शिक्षा को बढ़ावा, बिहार के पर्यटन स्थलों के पुनर्विकास, बिहार में नई रेलवे परियोजनाएं, बिहार में रेलवे की चालू/पेंडिंग परियोजनाएं, कटिहार में नये मेडिकल कॉलेज का निर्माण और पूर्णिया में जूट तथा नेचुरल फाइबर कलस्टर के निर्माण को लेकर सवाल पूछे।
साथ ही सांसद द्वारा बिहार में नये सोलर पावर प्लांट्स की स्थापना, अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति, पूर्णिया में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना, सीमांचल में मखाना किसानों के लिए योजनाएं, कटिहार में पाइप्ड नेचुरल गैस की आपूर्ति, बिहार में एनएच की स्थिति, कटिहार में प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण योजना के लाभार्थियों की स्थिति, बिहार में बढ़ती सड़क दुर्घटना पर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस, बिहार में इंटरनेट सेवा की स्थिति, कटिहार के काढ़ागोला में पूल का निर्माण और पूर्णिया-कटिहार खंड पर फ्लाई ओवर के निर्माण संबंधी प्रश्न पूछे गए।
मधेपुरा सांसद दिनेश चंद्र यादव का रिपोर्ट कार्ड
मधेपुरा के सांसद दिनेश चंद्र यादव ने बिहार में एनएच की स्थिति, देश में जाति आधारित गणना, बिहार की हर पंचायत में बैंक की स्थापना, राजगीर तथा पूर्णिया में एयरपोर्ट का निर्माण, किसान सम्मान पेंशन, किसानों की बढ़ती आत्महत्या, बिहार को विशेष आर्थिक पैकेज देने, बिहार में यूरिया खाद की क़िल्लत को दूर करने, बाढ़ की रोकथाम के लिये नेपाल में बांध का निर्माण को लेकर लोकसभा में सवाल पूछे।
वहीं, बिहार में उद्योग धंधे की स्थापना, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने, ग्राम पंचायतों में इंटरनेट ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, बढ़ती बेरोज़गारी दर, बिहार में मनरेगा योजना की स्थिति, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की बिहार में स्थिति, वंदे भारत ट्रेन में ज्यादा किराया वसूलने, ग्राम पंचायतों में सोलर लाइट स्थापित करने को लेकर भी सांसद दिनेश चंद्र यादव द्वारा सवाल पूछे गये।
बताते चलें कि सांसद दिनेश चंद्र यादव का लोकसभा में अटेंडेंस 83 प्रतिशत रहा। उन्होंने लोकसभा के 35 डिबेट्स में हिस्सा लिया और इस दौरान उन्होंने 128 सवाल पूछे। उन्होंने एक भी प्राइवेट मेंबर बिल लोकसभा में पेश नहीं किया।
सुपौल के सांसद दिलेश्वर कामत का रिपोर्ट कार्ड
लोकसभा में सुपौल के एमपी दिलेश्वर कामत की हाजिरी 99 फीसद रही। उन्होंने लोकसभा में विभिन्न मुद्दों को लेकर 304 सवाल पूछे। इस दौरान सांसद ने लोकसभा के 56 डिबेट्स में भाग लिया और उन्होंने 4 प्राइवेट मेंबर बिल भी पेश किया।
एसिड अटैक विक्टिम और उनका पुनर्वास, सहायता व हेल्थकेयर बिल-2022, शहीद जवानों और पुलिस कर्मियों को बराबर का मुआवाज़ा दिलाने के लिये शहीद (पर्याप्त मुआवजे का भुगतान) विधेयक-2022, बर्खास्त कर्मचारी (कल्याण) विधेयक-2022 और संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश संशोधन विधेयक-2022 में संशोधन से संबंधित बिल सांसद द्वारा पेश किया गया।
सांसद दिलेश्वर कामत ने सुपौल में बनने वाली पीएमजीएसआई सड़कों की स्थिति, बिहार के केंद्रीय विद्यालय के भवनहीन होने, राघोपुर से फारबिसगंज रेलवे लाइन का फिर से परिचालन, दरभंगा से फ्लाइट सेवा, सहरसा से सरायगढ़ रेलवे लाइन, सुपौल में नए एयरपोर्ट का निर्माण, बिहार में नई सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्थापना, सुपौल में एफएम रेडियो की स्थापना, पूर्णिया में एयरपोर्ट का विकास और मैथिला भाषा को बढ़ावा देने को लकर सवाल पूछे।
इसके अतिरिक्त सांसद ने सहरसा के सिंहेश्वर धाम का विकास, सुपौल की ग्राम पंचायत में चल रहे विकास कार्यों की हालत, बिहार के रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास, सुपौल-गलगलिया-अररिया रेलवे प्रोजेक्ट, बिहार में सेंट्रल सिद्धा औषधि यूनिवर्सिटी की स्थापना, बिहार में एथेनॉल प्लांट की स्थापना और बिहार में जेनेरिक दवाई के इस्तेमाल को लेकर भी प्रश्न पूछे।
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