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भाभा रिसर्च सेंटर में हैं वैज्ञानिक, UPSC निकाला, अब कलक्टर बनेंगे सहरसा के निर्मल

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) 2022 का रिजल्ट जारी हो चुका है। सहरसा के लाल निर्मल झा ने 82वां रैंक लाकर जिले का नाम रौशन किया है। वह जिले के मोहनपुर पंचायत के रहने वाले हैं। उनके पिता कुमार भूषण झा दवा दुकान चलाते हैं और मां वंदना देवी गृहणी हैं।

Sarfaraz Alam Reported By Sarfraz Alam |
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सहरसा: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) 2022 का रिजल्ट जारी हो चुका है। सहरसा के लाल निर्मल झा ने 82वां रैंक लाकर जिले का नाम रौशन किया है। वह जिले के मोहनपुर पंचायत के रहने वाले हैं। उनके पिता कुमार भूषण झा दवा दुकान चलाते हैं और मां वंदना देवी गृहणी हैं।

निर्मल झा के इस कामयाबी के पीछे एक रोचक कहानी है।

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वर्ष 2014-15 की बात है। वह अपने दादा दिवंगत शोभा कांत झा (उनका निधन हो चुका है) के पास बैठकर बातचीत कर रहे थे। वह बताते हैं, “तभी हंसते-हंसते दादा ने कहा कि नौकरी करनी है तो, आईएएस या आईपीएस का करो। उनकी वह ख्वाहिश मेरा सपना बन गया। अब यूपीएससी पास कर गया हूं, तो लगता है कि दादा जी को सच्ची श्रद्धांजलि दे दिया हूं।”


फोन पर हुई बातचीत में निर्मल ने बताया कि गरीब परिवार से हैं इसलिए गरीबों की मदद करने का सपना देखा करते थे। “गरीबों की सेवा के लिए यूपीएससी पास करना चाहता था।”

यूपीएससी की तैयारी से पहले उन्होंने मैकेनिकल ट्रेड से 4 साल का कोर्स किया और अंतिम परीक्षा के दौरान ही वर्ष 2013 में गेट की भी परीक्षा दी थी। इस परीक्षा में वह टॉप टेन में थे। इसके बाद एटॉमिक भाभा रिसर्च सेंटर मुंबई में उन्हें नौकरी मिल गई। चूंकि टॉप टेन में उन्होंने जगह बनाई थी, जिसके कारण उन्हें मुंबई हेड ऑफिस में ही नौकरी दी गई। वहां नौकरी करते हुए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की।

दूसरे प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंचे

उन्होंने आगे बताया कि यूपीएससी के पहले प्रयास में पीटी पास किया। दूसरे प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंचे। लेकिन अंतिम चयन नहीं हुआ। फिर तीसरे और चौथे प्रयास के दौरान वह काफी बीमार पड़ गए, जिसके कारण पीटी भी पास नहीं कर सके।

शादी के बाद पांचवे प्रयास में मिली सफलता

फिर 26 अप्रैल 2021 को उनकी शादी मधुबनी जिले के हरिपुर डीह टोला निवासी व दिल्ली मेट्रो में कार्यरत मनोज कुमार झा की इंजीनियर पुत्री अंजली झा से हो गई। अब वह पत्नी के साथ मुंबई में रहने लगे।

माता-पिता द्वारा दिये गये हौसले और इंजीनियर पत्नी के सहयोग से उन्होंने जमकर तैयारी की और पांचवें प्रयास में सफल हो गये।

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एमएचएम कॉलेज सहरसा से बीए पढ़ा हुआ हूं। फ्रीलांसर के तौर पर सहरसा से ग्राउंड स्टोरी करता हूं।

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