बिहार प्रदेश मुखिया संघ के आह्वान पर 19 सूत्री मांगों को लेकर त्रिस्तरीय पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने किशनगंज प्रखंड मुख्यालय में एक दिवसीय धरना दिया। पंचायत जनप्रतिनिधि ने एक सुर में कहा कि सभी को सम्मानजनक भत्ता दिया जाये।
मुखिया संघ ने मुखिया को दस हज़ार रुपये, उप मुखिया को सात हजार और वार्ड सदस्य को कम से कम पांच हजार रुपये भत्ते की मांग की। जिला मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष तनवीर आलम ने कहा कि सरकार मुखिया के कार्यों में हस्तक्षेप कर रही है और लगातार प्रशासनिक दबाव के कारण पंचायतों का विकास अवरुद्ध हो रहा है। तनवीर कहते हैं कि ग्राम सभा में जो भी निर्णय लिया जाता है, सरकार के हस्तक्षेप की वजह से वो निर्णय धरातल पर उतर नहीं पाता है।
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इस प्रदर्शन में अपनी मांगों को लेकर प्रखंड भर से जनप्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। मुखिया संघ की मुख्य मांगों में संविधान संशोधन के तहत प्रदत्त 29 अधिकारों को पूर्ण रूप से पंचायतों को सौंपना, ग्राम सभा की रक्षा के लिए पारित निर्णयों का अनुपालन सुनिश्चित करना, ग्राम सभा द्वारा चयनित योजनाओं को प्राथमिकता देना, मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना को ग्राम पंचायतों को सौंपना, नल-जल योजना को पीएचईडी विभाग से लेकर ग्राम पंचायतों के अधीन करना और कबीर अंत्येष्टि योजना को पुनः चालू करना शामिल हैं।
प्रदर्शन में शामिल दौला पंचायत के मुखिया एखलाक हुसैन कहते हैं कि उनके अधिकारों में सरकार द्वारा कटौती करने से पंचायत जनप्रतिनि जनता से किये गए वादे को पूरा नहीं कर पा रहे हैं, इससे मजबूर होकर त्रिस्तरीय पंचायत के जनप्रतिनिधियों को सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।
जिला मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष तनवीर ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी हुईं, तो लोकसभा चुनाव 2024 में वे राज्य सरकार को समर्थन करेंगे और पूरी नहीं हुई, तो इसका सीधा खमियाजा बिहार सरकार को भुगतना पड़ेगा।
इस संबंध में प्रखंड बीपीआरओ चिरंजीव शर्मा ने कहा कि मुखिया संघ के द्वारा सौपे गए मांग पत्र को सरकार तक भेजा जाएगा, सरकार जो भी निर्णय लेगी, उसपर अमल किया जाएगा।
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