बिहार विधान परिषद के सदस्यों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा शिक्षक और शिक्षक संगठनों के खिलाफ लिये जा रहे “अव्यवहारिक व अतार्किक फैसलों” को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है।
माना जा रहा है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा लिये जा रहे कई फैसलों को लेकर ही विधान परिषद सदस्यों ने पत्र लिखा है। सदस्यों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
Also Read Story
पत्र में लिखा गया है, “शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों/कर्मियों के संबंध में विभिन्न प्रकार के अनियमित, अव्यवहारिक, अतार्किक और असंवेदनशील आदेश निर्गत किये जाने व जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ शिक्षक संघ/संगठनों के संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों तथा उनके अभिव्यक्ति की आजादी पर लगातार हो रही दमनात्मक कार्रवाई घोर चिन्ता का विषय है।”
पत्र में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिये जाने को लेकर सदस्यों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद भी दिया गया।
इसके अलावा वित्त अनुदानित सभी कोटि के शिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों व कर्मियों को मिल रही परीक्षाफल आधारित वेतनानुदान के बदले नियमित वेतनमान देने की मांग की है।
बिहार के अंगीभूत (एसोशियेटेड) महाविद्यालयों के साथ-साथ उच्च माध्यमिक विद्यालयों में स्वीकृत रिक्त पदों पर कार्यरत अतिथि शिक्षकों के सेवा को भी स्थाई करने की गुज़ारिश की गई है।
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।