कटिहार पुलिस ने रविवार की शाम आईपीएल मैच के दौरान सट्टाबाजी करने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने गुप्त सूचना मिलने पर कटिहार सहायक थाना क्षेत्र के कई इलाकों में सर्च अभियान शुरू किया था, जिसमें ललियाही मोहल्ले से दो सट्टेबाज़ों को पकड़ा गया। इसके बाद डेहरिया और अरगड़ा चौके से भी सट्टेबाज़ों की गिरफ्तारी हुई।
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पुलिस ने बताया कि इन जगहों पर आईपीएल के दौरान बड़े पैमाने पर सट्टेबाज़ी का धंधा चलाया जा रहा था। फ़िलहाल कटिहार पुलिस ने 5 सट्टेबाज़ों की गिरफ्तारी की है। पुलिस को सट्टेबाज़ों की एक बड़े रैकेट के सक्रिय होने का अंदेशा है, जिसके लिए सर्च ऑपेरशन जारी है।
गिरफ्तार सट्टेबाज़ों के पास से 3 लैपटॉप, 16 मोबाइल फ़ोन, 2 टैब और 4 लाख 65 हज़ार रुपये नक़द बरामद किए गए हैं। इसके अलावा उनके अड्डे से 11 पासबुक, 8 एटीएम कार्ड, दो क्रेडिट कार्ड भी मिले हैं। पुलिस को कई नोटबुक भी मिले हैं जिनमें सट्टेबाजों का हिसाब किताब लिखा हुआ था। पुलिस इन सभी चीज़ों को खंगालने में लग गई है।
जानकारी के मुताबिक, जिले में सट्टेबाजों का एक बड़ा रैकेट काम कर रहा है और इस रैकेट के शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक फैले होने की आशंका है।
सट्टेबाज़ों की गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए एसडीपीओ ने कहा कि शहर और आसपास के इलाकों में सट्टेबाजी में कई युवा लिप्त हैं। इसकी सूचना पुलिस को मिलते ही सहायक थाना क्षेत्र अंतर्गत ललियाही व नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत डेहरिया व अरगड़ा चौक पर छापेमारी अभियान चलाकर सट्टेबाज के मास्टरमाइंड के साथ अन्य को गिरफ्तार किया गया है।
एसडीपीओ ने बताया कि शुरुआती छापेमारी में दुर्गा साह, अमित पासवान, नारायण तिवारी, चुनना नायक सहित 5 सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें कई और नाम सामने निकल कर आए हैं। पुलिस उन सभी लोगों की तलाश में जुटी हुई है।
एसडीपीओ ने आगे बताया कि इस मामले की छानबीन को लेकर एक टीम गठित की गई है जिसमें नगर थाना अध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह, आलोक कुमार, शिव शंकर कुमार, साहेब कुमार, स्नेहा कुमारी, मनीष कुमार और राहुल कुमार शामिल हैं। पुलिस को शक है कि इन सट्टेबाज़ों के तार राज्य के बाहर भी जुड़े हो सकते हैं।
‘मैं मीडिया’ ने अपनी पड़ताल में क्या पाया
पुलिस द्वारा सट्टेबाज़ों की गिरफ्तारी के बाद ‘मैं मीडिया’ की टीम ने यह पता लगाने के लिए कि आखिर ये सट्टेबाज काम कैसे करते हैं, जिले के कई मोहल्लों का दौरा किया, तो पाया कि कई युवा मैच के दौरान मोबाइल पर सट्टेबाजी कर रहे हैं। पड़ताल में यह बात सामने निकल कर आई कि सट्टेबाजी के जाल में 15 साल तक के युवा भी फंस रहे हैं।
सट्टेबाजी की प्रक्रिया जानने के लिए हमने कुछ युवाओं से बात की। पता चला कि सट्टा लगाने के लिए सबसे पहले एक आईडी लेनी पड़ती है जिसे लेने के लिए ₹1000 रुपये चुकाने पड़ते है। इस आईडी की शुरुआत ₹1000 से लेकर एक लाख रुपये तक होती है। जिसकी जितनी क्षमता होती है, वह उसके हिसाब से आईडी खरीद लेता है।
आईडी बनाने के लिए आईडी लेने वाले का नंबर बैंक से जुड़ा होना चाहिए। ऐसा होने पर उसके नाम से इंट्री होती है। पैसा मिलने के बाद पेशेवर सट्टेबाज उसे एक आईडी बनाकर देते हैं। मैच शुरू होने के बाद सट्टा लगाया जाता है और हर एक गेंद, चौके छक्के, विकेट, रन, कौन सा ख़िलाड़ी 50 या 100 बनाएगा, कौन टीम जीतेगी, जैसी क्रिकेट मैदान पर होने वाली घटनाओं पर जमकर सट्टे लगते हैं। सट्टेबाज आईडी लेने वाले के ई-वॉलेट में पैसे भेजते हैं जिसका इस्तेमाल कर युवा मैच के दौरान सट्टा लगाते हैं ।
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