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गया लोकसभा क्षेत्र में होगा जीतन राम मांझी बनाम कुमार सर्वजीत

पासवान जाति से आने वाले कुमार सर्वजीत गया के पूर्व सांसद राजेश कुमार के बेटे हैं। 1991 में सांसद बनने से पहले वह बोधगया से विधायक भी रहे। फिलहाल कुमार सर्वजीत बोध गया से विधायक हैं। वह तीसरी बार यहाँ से विधायक चुने गए हैं। पिछली महागठबंधन सरकार में वह कृषि मंत्री बनाये गए थे।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
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हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (से.) ने गुरुवार को गया सीट से जीतन राम मांझी को उतारने का एलान किया। 21 मार्च को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें यह फैसला लिया गया। बता दें कि बीते 18 मार्च को एनडीए के सीट बंटवारे में HAM(S) को गया की सीट देने की घोषणा की गई थी।

आगामी लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का सामना बिहार के पूर्व कृषि मंत्री कुमार सवर्जित से होगा। राष्ट्रीय जनता दल ने बोध गया विधायक कुमार सर्वजीत को लोकसभा का टिकट दिया है।

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अब तक लोकसभा चुनाव नहीं जीते हैं मांझी

जीतन राम मांझी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। 2014 से 2015 के बीच वह करीब 9 महीने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहे। मांझी गया ज़िले के फ़तेहपुर (1980, 1985), बोध गया (2000), बाराचट्टी (अक्टूबर 2005), मखदुमपुर (2010) और इमामगंज (2015, 2020) से अलग-अलग पार्टियों के टिकट पर विधायक रहे हैं। फिलहाल वह इमामगंज के विधायक हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव मांझी कभी जीत नहीं पाए हैं।


मुसहर जाति से आने वाले मांझी ने पहली बार लोकसभा चुनाव 1991 में कांग्रेस टिकट पर लड़ा था। तब जनता दल के उम्मीदवार कुमार सवर्जित के पिता राजेश कुमार ने उन्हें हराया था। इस चुनाव में राजेश कुमार को 3,08,077 और मांझी को 2,54,282 वोट मिले थे। उन्होंने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी गया से किस्मत आजमाया। 2014 में वह तीसरे स्थान पर रहे, वहीं 2019 में करीब 1.5 लाख वोटों से चुनाव हार गए।

कौन हैं कुमार सर्वजीत

पासवान जाति से आने वाले कुमार सर्वजीत गया के पूर्व सांसद राजेश कुमार के बेटे हैं। 1991 में सांसद बनने से पहले वह बोधगया से विधायक भी रहे। फिलहाल कुमार सर्वजीत बोध गया से विधायक हैं। वह तीसरी बार यहाँ से विधायक चुने गए हैं। पिछली महागठबंधन सरकार में वह कृषि मंत्री बनाये गए थे।

न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कुमार सर्वजीत ने गया सीट से अपनी उम्मीदवारी पर पार्टी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई युवा वर्ग के लिए है। तेजस्वी यादव ने 17 महीने में युवाओं के लिए जो काम किया है उससे युवा वर्ग पार्टी के लिए तैयार है।

आगे उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी उनके पिता समान हैं, लेकिन यह लड़ाई देश की दशा तय करने के लिए है। गया और बिहार के युवा राजद के साथ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता सांसद रह चुके हैं और गया के लोग उनके साथ हैं।

एनडीए का नारा ‘इस बार 400 के पार’ पर कुमार सर्वजीत ने कहा कि लोकतंत्र में सबको नारा लगाने का अधिकार है। उन्होंने लगे हाथ जीतन राम मांझी को भी घेरने की कोशिश की और कहा कि जीतन राम मांझी ऊंची जातियों के विरोध में नारा लगाते रहे हैं।

“आप स्वतंत्र हैं जो चाहे नारा लगा दीजिए। मांझी जी ने भी कई नारे लगाए। ऊंची जाति वालों के खिलाफ भी उन्होंने कहा, ब्राह्मणों के खिलाफ भी कहा। हर दल का अपना अपना विचार होता है जो चाहे नारा लगा लें। हमारा बस एक ही नारा है कि गया के सभी धर्म, जाति के लोग हमें उस मकाम पर पहुंचाएंगे जिससे गया का भला होगा,” कुमार सर्वजीत ने कहा।

उन्होंने आगे कहा कि बिहार के युवा उसे चुनेंगे जिसने उनके लिए काम किया हो। अगर नरेंद्र मोदी जी और नीतीश जी ने युवाओं के लिए काम किया हो तो युवा तय करेंगे और अगर तेजस्वी जी ने युवाओं के लिए काम किया हो तो उनके लिए युवा तय करेंगे।

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सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

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