किशनगंज की पुलिस के कुछ जवानों पर बाइक सवार मां, बेटे पर हमला करने का आरोप लगा है। राहुल कुमार नामक एक लड़के ने पुलिस द्वारा उसकी मां पर जानलेवा हमले का आरोप लगाते हुए कहा कि रविवार की शाम सात बजे किशनगंज प्रखंड अंतर्गत सिंघिया बाजार के निकट पुलिस की गश्ती गाड़ी के जवान ने उसकी मां पर लाठी से हमला कर दिया। इसके बाद राहुल अपनी मां को लेकर किशनगंज के सदर अस्पताल पहुंचा, जहां से बेहतर इलाज के लिए महिला को पूर्णिया के आदर्श अस्पताल ले जाया गया। राहुल ने बताया कि वह किशनगंज से दामलबाड़ी जा रहा था, लेकिन घर पहुँचने से पहले ही उस पर हमला किया गया। महिला की हालत गंभीर है।
राहुल ने कहा, “मैं और मेरी मम्मी बाइक पर जा रहे थे। हम 25 की स्पीड से जा रहे थे। मेरे आगे पीछे कोई गाड़ी नहीं थी। उतने में कोई लाठी लेकर आया और हमलोग को मारा। मैंने सोचा चोर डकैत है इसलिए भागने की कोशिश की, उसने लाठी से मुझे और मम्मी को मारा तो मेरी मम्मी गिर गई। पुलिस वाला आया मेरे पास, लाइट आॕन कर देखा। एक पुलिस बोला मारो और एक बोला भागो भागो। कम से कम 10 से 12 पुलिस वाला था सब भाग गया। मैंने हल्ला किया तो दो लड़के ने पुलिस का पीछा किया, तो एक को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। हम वहां से मम्मी को सदर अस्पताल लेकर आए।”
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राहुल ने आगे बताया कि वह और उसकी मां किशनगंज से उसके घर दामलबाड़ी जा रहे थे जिस दौरान पुलिस ने हमला कर दिया। उसने बताया कि सिंघिया बाज़ार के निकट एक बागान के पास यह घटना हुई। आखिरी बार बात होने तक घायल महिला पूर्णिया के निजी असपताल में बेहोशी की हालत में भर्ती है। घायल महिला का नाम सावित्री देवी है।
किशनगंज पुलिस ने आरोपों से किया इंकार
इस मामले पर ‘मैं मीडिया’ ने किशनगंज के एसएचओ सुमन कुमार से बात की। सुमन कुमार ने कहा कि यह मामला बंगाल पुलिस का है, बिहार पुलिस की इसमें कोई भागीदारी नहीं है। उन्होंने कहा, “आप जांच कर लीजिये, यह बंगाल पुलिस का मामला है। वह लड़का खुद हमको फ़ोन किया था कि बंगाल की पुलिस आई थी। वे लोग बंगाल पुलिस के थाने में गये थे। उसको वहां बैठा लिया गया था, तो वह हम को तब फ़ोन किया था। हम बोले कि बंगाल का मामला है, किस थाने में आपको रखा है बताईये हमको। किशनगंज पुलिस से कोई गया ही नहीं है। थाने में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है कब गाड़ी आती है, जाती है।”
किशनगंज सदर अस्पताल में मौजूद स्थानीय नेता इम्तियाज नसर ने घायल महिला की इस हालत का जिम्मेदार किशनगंज प्रशासन को बताया और कहा कि दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
किशनगंज थाना के एसएचओ से बात करने के बाद हमने राहुल कुमार से दोबारा संपर्क किया। राहुल ने कहा कि उसने लाइट खोलकर पुलिस की वर्दी देखी थी लेकिन गाड़ी का नंबर और नाम नहीं देखा था। “हम उनलोग से पूछे आप लोग पुलिस हैं तो बोला हां। हम उनका पैर भी पकड़े कि जल्दी हमको हॉस्पिटल पंहुचा दीजिये लेकिन वो सब भाग गया। हमको लग रहा है वह बिहार पुलिस ही था क्योंकि अच्छा हिंदी बोल रहा था। बंगाल का पुलिस होता तो थोड़ा बहुत बंगाली जैसा बोलता, लेकिन वे पूरी हिन्दी बोल रहे थे। उस एरिया में अक्सर बिहार पुलिस ही रहता है,” राहुल ने बताया।
हमने राहुल से किशनगंज थाने में फ़ोन करने की बात पूछी, तो उसने कहा कि इस घटना के बाद वह अपनी मां को अस्पताल लेकर आया था और उसने किसी भी थाने में फ़ोन नहीं किया था। उसने यह भी कहा कि दो लड़कों ने बाइक से पुलिस का पीछा किया था जिसके बाद एक लड़के को पुलिस ने पकड़ लिया था। हो सकता है उसी लड़के ने किशनगंज थाने में फ़ोन किया हो। उसने बताया कि उसकी मां सावित्री देवी अभी भी अचेत हालत में पूर्णिया के आदर्श अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज जारी है।
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