बिहार के एक सरकारी स्कूल में शिक्षकों के मारपीट का एक वीडियो रविवार शाम को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
इस वीडियो को गंभीरता से लेते हुए शिक्षक संगठनों ने हेडमास्टर पर कार्रवाई की मांग की।
सोशल मीडिया पर वायरल उक्त वीडियो कटिहार जिले के कुरसेला प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय सर्वोदय कुरसेला का है। वीडियो में स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि स्कूल के हेडमास्टर और शिक्षक में पहले जुबानी बहस होती है, उसी दौरान हेडमास्टर चंद्रशेखर आचार्य अपने सहयोगी दलित शिक्षक अभय कुमार को एक जोरदार चांटा मार देते हैं।
वीडियो में हेडमास्टर गाली गलौज के साथ शिक्षक को जान से मारने की धमकी भी दे रहे हैं। दोनों ओर से जमकर बहस भी हो रही है और ये सब स्कूल के ऑफिस में हो रहा था।
घटना के वक्त वहां कई महिला शिक्षिकाओं के साथ साथ दूसरे लोग भी मौजूद थे। महिला शिक्षिका बीचबचाव कर हेडमास्टर को उस शिक्षक से दूर करती हैं, जिन्हें चांटा मारा गया है।
एक ट्विटर यूजर अमनवीर शर्मा ने वायरल वीडियो के बारे में ट्वीट का रिप्लाई करते हुए कहा, “मैं कुरसेला से ही हूं। इसमें वीडियो का सिर्फ एक अंश दिखाया गया है, पूरा विडियो नहीं है, कट कर डाला गया है, वास्तव में अभय नामक पदस्थापित शिक्षक मनबढू है। उसका उज्जवल नामक शिक्षक ने मिसयूज किया है। HM (हेडमास्टर) द्वारा क्लास अटेंड करने पर वह बदतमीज़ी पर उतर गये और 3 बार HM को धक्का दिया गया।”
मैं कुर्सेला से ही हूँ।
इसमे विडियो का सिर्फ एक अंश दिखाया गया है,पूरा विडियो नही है,कट कर डाला गया है,वास्तव में अभय नामक पदस्थापित शिक्षक मनबढू है,उसका उज्जवल नामक शिक्षक ने मिस यूज किया है,HM द्वारा क्लास ऐटेण्ड करने पर वो बदतमीज़ पर उतर गये ,3बार HMको धक्का दिया गया।— Amanveer sharma (@veeramanrjd) July 24, 2023
मैं मीडिया ने वायरल वीडियो में थप्पड़ मारने वाले हेड मास्टर चंद्रशेखर आचार्य से फोन पर बात की, तो उन्होंने मैं मीडिया को बताया कि सरकार के नए नियम के अनुसार स्कूल में क्लास करते समय कोई भी शिक्षक मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करेंगे। इसके बावजूद पिछले शुक्रवार को अभय कुमार क्लास में मोबाइल इस्तेमाल कर रहे थे। मना करने पर अभय कुमार ने बहस शुरू कर दी।
बात काफी बढ़ गई जिसके बाद अभय कुमार ने तीन बार मुझे धक्का दिया। इसके बाद मैंने भी आवेश में आकर झापड़ मार दिया। लेकिन कुछ देर बाद हम दोनों के बीच सुलह हो गई, फिर एक दूसरे से माफी मांग कर हम लोगों ने मामला समाप्त कर लिया। लेकिन, इसी बीच उज्जवल कुमार नामक शिक्षक ने बिना हमारी जानकारी के बाद वीडियो बनाया और दो दिन बाद पूरा वायरल हो गया, “उन्होंने कहा।
हेड मास्टर चंद्रशेखर आजाद ने आगे कहा कि वीडियो बनाने वाले शिक्षक उज्जवल कुमार ने षड्यंत्र के तहत अभय कुमार को झगड़ा के लिए उकसाया था। पूर्व सांसद का रिश्तेदार होने के नाते वह स्कूल में धौंस भी जमाता है और पूर्व पदस्थापित हेड मास्टर के साथ मारपीट भी की थी, जिसके बाद उन्हें दूसरे स्कूल में भेज दिया गया था।
वहीं, पीड़ित शिक्षक अभय कुमार ने कहा कि यह सच है कि हेड मास्टर चंद्रशेखर आचार्य द्वारा उन्हें थप्पड़ मारा गया था। घर से जरूरी फोन आने के बाद मैं फोन पर बात कर रहा था इसी बीच हेड मास्टर द्वारा गलत शब्द का प्रयोग किया गया, जिसके बाद तू-तू मैं-मैं होने लगी।
“आवेश में आकर हम दोनों में हाथापाई हो गई लेकिन कुछ देर बाद हम दोनों ने एक दूसरे से माफी मांग कर बात को खत्म कर लिया था। वह मेरे बड़े भाई जैसे हैं, लेकिन इसी बीच बिना किसी जानकारी के स्कूल के एक शिक्षक द्वारा वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। वीडियो बनाने की जानकारी हम दोनों को बिल्कुल नहीं थी, झगड़ा खत्म हो चुका था,” उन्होंने कहा।
इस संबंध में कुरसेला प्रखंड के एक शिक्षक नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि वीडियो वायरल करने वाला शिक्षक पूर्व सांसद का रिश्तेदार है। इसका फायदा उठाकर वह स्कूल में मनमानी करते रहते हैं। “पूर्व में उन्हें हेडमास्टर से मारपीट करने के आरोप में दूसरी जगह भेजा गया था। मुझे लगता है कि उज्जवल कुमार ने अभय कुमार को उकसा कर झगड़ा करने भेजा और वीडियो बनाया,” उन्होंने कहा।
मामले को लेकर जब हमने वीडियो वायरल करने वाले शिक्षक और आरजेडी के पूर्व सांसद नरेश यादव के रिश्तेदार उज्जवल कुमार से फोन पर बात की, तो उन्होंने बताया कि जब झगड़ा हो रहा था, तो उन्होंने वीडियो बनाया था ताकि वीडियो बनने के डर से झगड़ा खत्म हो जाए। लेकिन फिर मारपीट शुरू हो गई। हमारे हेडमास्टर साहब अक्सर झगड़ा और मारपीट करते रहते हैं,” उन्होंने कहा।
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पूर्व सांसद के रिश्तेदार होने के सवाल पर उन्होंने कहा, “रिश्तेदारी स्कूल के बाहर होती है, स्कूल के अंदर सभी शिक्षक ही होते हैं। दबाव डालने की बात गलत है। आज स्कूल में हम नियमित रूप से काम करते हैं। जबरदस्ती की कोई बात ही नहीं है,” उन्होंने कहा।
2021 में पूर्व हेड मास्टर के साथ हाथापाई करने की बात पर उन्होंने कहा, “उसी स्कूल में उसकी बड़ी बहन भी शिक्षिका है, जो पूर्व सांसद नरेश यादव की बहू है, लेकिन सबके सामने पूर्व हेड मास्टर ने गाली दी थी, जिसकी वजह से लड़ाई हुई थी। बाद में मेरा ट्रांसफर चायटोला में स्थित विद्यालय में कर दिया गया था।”
उज्जवल कुमार ने आगे कहा कि हेडमास्टर चंद्रशेखर आजाद पैसे से सब कुछ मैनेज कर लेते हैं, अधिकारियों और पत्रकारों को भी। आज जब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मामले की जांच को लेकर आए हैं, तो उल्टा मुझे ही बुरा-भला बोल रहे हैं। सब कुछ पैसे से मैनेज कर लिए हैं। पीड़ित शिक्षक अभय कुमार को भी पैसे देकर अपने पाले में कर लिए होंगे,” उन्होंने कहा।
पूर्व सांसद नरेश यादव पर पहले भी लगे हैं दबंगई के आरोप
नरेश यादव बिहार से आरजेडी के राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। वर्तमान में नरेश यादव पूर्व सांसद (राज्यसभा) की अध्यक्षता में गठित कार्यकारिणी समिति आश्रम का संचालन करती हैं। नरेश यादव महात्मा गाँधी द्वारा सन् 1932 में स्थापित हरिजन सेवक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं।
इसी साल जनवरी में सर्वोदय कॉलेज कुरसेला के सचिव विनोद राज झा ने कटिहार एसपी को एक आवेदन दिया था, जिसमें पूर्व सांसद नरेश यादव के द्वारा कॉलेज में दबंगई और फर्जी कमेटी बनाकर कॉलेज में लूटपाट करने के लिए कार्रवाई करने की मांग की थी।
आज तक की खबर के अनुसार पूर्व सांसद के पुत्र नरेश यादव को 2016 में एक पेट्रोल पंप के मालिक की बेटी को अगवा करने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में उसे यह कहकर क्लीन चिट दे दिया गया कि उन्होंने यह काम शराब के नशे में किया था।
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