विपक्षी गठबंधन ने मणिपुर हिंसा पर पीएम नरेंद्र मोदी के बयान के लिए संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया। लेकिन, जब पीएम मोदी ने अपने संबोधन में मणिपुर हिंसा पर बात की, तब तक विपक्षी सांसद लोकसभा से वॉकआउट कर चुके थे। लोकसभा में विपक्ष के वॉकआउट के बाद मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी ने विस्तार से बात की।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कांग्रेस को परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर घेरने की कोशिश की और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश की जनता को भाजपा सरकार पर पूरा विश्वास है।
उन्होंने कहा, “2014 में 30 साल बाद जनता ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। 2019 में भी उस ट्रैक रिकार्ड को देखते हुए फिर एकबार सेवा करने का मौका अधिक मजबूती के साथ दिया। इस सदन में बैठे प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वे भारत के युवाओं के सपनों को उनकी महत्वाकांक्षाओं को, उनकी आशा अपेक्षा के मुताबिक जो काम करना चाहते हैं, उनको अवसर दें। सरकार में रहते हुए हमने भी इस दायित्व को निभाने का भरपूर प्रयास किया है। हमने भारत के युवाओं को घोटालों से मुक्त सरकार दिया है। हमने दुनिया में बिगड़ी हुई साख को भी संभाला है। उसको एक नई ऊंचाई पर ले जाया गया है।”
विपक्ष के वॉकआउट पर कसा तंज़
पीएम मोदी के संबोधन के बीच में ही विपक्षी सांसद सदन से बाहर चले गए। विपक्ष की इस हरकत पर भी नरेंद्र मोदी ने तंज़ कसा। उन्होंने कहा कि विपक्ष का भरोसा लोकतंत्र पर नहीं है।
“लोकतंत्र पर जिसका भरोसा नहीं होता है वो सुनाने के लिए तो तैयार होते हैं, लेकिन सुनने का धैर्य नहीं होता है। अपशब्द बोलो-भाग जाओ, कूड़ा कचड़ा फेंको-भाग जाओ, झूठ फैलाओ-भाग जाओ। यही इनका खेल है। यह देश इनसे ज्यादा अपेक्षा नहीं कर सकता है। अगर इन्होंने गृह मंत्री जी की मणिपुर की चर्चा पर सहमति दिखाई होती, तो अकेले मणिपुर विषय पर चर्चा हो सकती थी। हर पहलू पर चर्चा हो सकती थी। उनको भी बहुत कुछ कहने का मौका मिल सकता था। लेकिन उनको चर्चा में रस नहीं था। कल अमित भाई (अमित शाह) ने विस्तार से इस विषय की चीजें रखीं, तो देश को भी आश्चर्य हुआ है कि ये लोग (विपक्ष) इतना झूठ फैला सकते हैं,” उन्होंने कहा।
‘विपक्ष के पेट में दर्द था और वे अपना सिर फोड़ रहे थे’
पीएम मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ करते हुए कहा कि कल ही गृह मंत्री ने बिना राजनीति के मणिपुर के विषय में विस्तार से बात की तथा देश और सरकार की चिंता को प्रकट किया। नरेंद्र मोदी ने मणिपुर विषय पर विपक्ष द्वारा राजनीति करने का भी आरोप लगाया।
“उन्होंने (विपक्ष) अविश्वास प्रस्ताव लाया और अविश्वास पर सारे विषय पर बोले। ऐसे में ट्रेजरी बेंच का भी दायित्व बनता है कि देश के विश्वास को प्रकट करे, देश के विश्वास को नई ताकत दे, देश के प्रति अविश्वास करने वालों को करारा जवाब दे, यह हमारा दायित्व बनता है। हमने कहा था अकेले मणिपुर के लिए आओ चर्चा करो। गृह मंत्री ने चिट्ठी लिखकर कहा था कि उनके विभाग से जुड़ा विषय था। लेकिन विपक्ष में साहस नहीं था, इरादा नहीं था। दर्द पेट में हो रहा था और फोड़ रहे थे सिर। मणिपुर की स्थिति पर कल गृह मंत्री अमित शाह जी ने दो घंटे विस्तार से रत्ती भर राजनीति के बिना सारे विषयों को विस्तार से समझाया। सरकार और देश की चिंता को भी प्रकट किया,” उन्होंने कहा।
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मणिपुर हिंसा के दोषियों को मिलेगी सज़ा
मणिपुर हिंसा के दोषियों को कड़ी सज़ा दिलाने के बारे में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार और मणिपुर की राज्य सरकार मिलकर इस दिशा में प्रयास कर रही है। उन्होंने मणिपुर की महिलाओं को मुखातिब होकर कहा कि देश उनके साथ है।
उन्होंने कहा, “मैं मणिपुर के लोगों, माताओं और बहनों से आग्रहपूर्वक कहना चाहता हूं कि देश आपके साथ है। यह सदन आपके साथ है। हमसब मिलकर इस चुनौती का समाधान निकालेंगे। वहां फिर से शांति की स्थापना होगी। मैं मणिपुर के लोगों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि मणिपुर फिर विकास की राह पर तेज गति से आगे बढ़े, उसके प्रयासों में कोई कोर कसर नहीं रहेगी।”
राहुल गांधी ने कल सदन में बोलते हुए कहा था कि भाजपा ने मणिपुर में भारत माता की हत्या की है। राहुल के इस बयान पर पीएम मोदी ने राहुल की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास भारत माता को छिन्न-भिन्न करने का रहा है।
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