तेजस्वी यादव के खिलाफ चल रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई पर जनता दल यूनाइटेड के विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल ने कहा कि तेजस्वी यादव बिल्कुल निर्दोष हैं। भागलपुर के गोपालपुर से विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी दोषी हो सकते हैं, लेकिन उनके बच्चे बेकसूर हैं।
कथित लैंड फॉर जॉब घोटाले में मंगलवार को ईडी ने तेजस्वी यादव से तक़रीबन 8 घंटे तक पूछताछ की। ईडी ने क़रीब आठ बजे रात में तेजस्वी यादव को छोड़ा। इस दौरान राजद समर्थकों की भीड़ ने ईडी दफ्तर के बाहर जमकर नारेबाज़ी की।
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एक दिन पहले यानी कि सोमवार को ईडी ने राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से भी पूछताछ की थी। सोमवार को भी राजद समर्थक ईडी दफ्तर के बाहर जुट गए थे और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी की थी।
समाचार चैनल ‘बिहार तक’ से बातचीत के दौरान गोपाल मंडल ने कहा कि ईडी को उन लोगों से भी पूछताछ करनी चाहिए जिन्होंने ज़मीन देकर नौकरी ली। उन्होंने कहा कि जिस समय यह कथित घोटाला हुआ था, उस वक़्त तेजस्वी यादव बहुत छोटे थे।
“उसको (तेजस्वी यादव) झूठ में उलझाया जा रहा है। यह नहीं करना चाहिये था, तेजस्वी बिल्कुल इनोसेंट है, निर्दोष है। कोई भी बच्चा निर्दोष है, सब बच्चा निर्दोष है, चाहे मीसा भारती हो, जो भी हो। दोषी हो सकते हैं लालू जी, राबड़ी जी, लेकिन उनके बाल-बच्चे दोषी नहीं हो सकते हैं,” उन्होंने कहा।
कथित घोटाले में तेजस्वी यादव के नाम पर भी ज़मीन लिये जाने के सवाल के जवाब में गोपाल मंडल कहते हैं कि भले ही तेजस्वी यादव के नाम पर ज़मीन ली गई हो, लेकिन यह काम उनके पिता (लालू यादव) ने किया है।
जदयू विधायक ने कहा, “उनके नाम पर (ज़मीन) लिया तो उसके बाप (लालू यादव) ने लिया। (ईडी) उससे भी तो पूछे जिसने ज़मीन देकर नौकरी ली। उसको (ईडी) पूछता ही नहीं है। हमको कोई अभी देने के लिये आयेगा कि ले लीजिये पांच करोड़ रख लीजिये। एक मिनट देरी करेंगे? रख ही लेंगे ना। देने के लिये आयेगा लक्ष्मी तो लेंगे नहीं? ईडी पूछे कि कोई पूछे।”
बताते चलें कि कथित लैंड फॉर जॉब घोटाले में बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी आरोपी हैं।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी दिलवाने के बदले उनकी जमीन अपने नाम लिखवा ली थी।
इसी कड़ी में ईडी ने 8 जनवरी को राबड़ी देवी, मीशा भारती, हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी और दो कंपनियों मेसर्स ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड तथा मेसर्स ए बी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ प्रीवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट-2002 के प्रावधानों के तहत विशेष न्यायालय में आरोप दर्ज किये थे। विशेष न्यायालय ने आरोपों पर 27 जनवरी को संज्ञान लिया था।
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