बिहार शिक्षा विभाग उन सभी नियोजित शिक्षकों को नौकरी से बर्ख़ास्त करेगी, जो छह महीने या उससे अधिक समय से बिना सूचना के छुट्टी पर हैं। विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने ज़िला पदाधिकारियों को ऐसे नियोजित शिक्षकों के ख़िलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
दरअसल विभाग ने पाया है कि बिहार में कई ऐसे नियोजित शिक्षक हैं, जो बिना सूचना के स्कूलों से अनुपस्थित हैं। वैसे नियोजित शिक्षक जो छह महीने से कम अवधि से गायब हैं, उनके निलंबन की कार्रवाई की अनुशंसा विभाग ने की थी, किन्तु अब तक केवल 34 शिक्षक ही नियोजन इकाईयों द्वारा निलंबित किए गए हैं।
Also Read Story
जो नियोजित शिक्षक छह महीने से अधिक अवधि से गायब हैं, उनकी संख्या 582 है। इनमें से कई शिक्षक तो दो साल से अधिक अवधि से गायब हैं। ऐसे सभी मामलों में बर्खास्तगी या निलंबन की अनुशंसा विभाग द्वारा की गई, किन्तु केवल 13 शिक्षकों की बर्खास्तगी हुई और केवल 10 शिक्षक ही निलंबित हुए।
केके पाठक ने जिला पदाधिकारियों को अपने स्तर से मासिक तौर पर इन सभी मामलों की समीक्षा करने और इनके विरुद्ध नियोजन इकाई द्वारा प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है कि ये सभी शिक्षक सक्षमता परीक्षा में न बैठ सकें।
बताते चलें कि पिछले छह महीने से लगातार नियोजित शिक्षकों के विरुद्ध निरीक्षण के दौरान कई तरीके की अनियमितता पाई गई है, जिसके विरुद्ध संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा विभिन्न प्रकार की कार्रवाई भी की गई है।
बिना स्वीकृति के अनुपस्थिति पर काफी शिक्षकों का वेतन भी काटा गया है, किन्तु अन्य गंभीर मामलों में निलंबन/बर्खास्तगी की कार्रवाई की अनुशंसा जब की गई तो संबंधित नियोजन इकाइयों द्वारा कोई विशेष कार्रवाई नहीं की गई है।
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।