राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोर्ट के फैसलों पर उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है।
उन्होंने कहा कि 17 साल के कार्यकाल में उनका किसी जांच, मुकदमा और कोर्ट के निर्णय में कोई दखल नहीं होता है, इसलिए अभी तक मेरी कोई टिप्पणी नहीं आई है। आगे उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसलों को चुनौती देने का सभी को अधिकार है।
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उन्होंने कहा कि 2024 चुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट होना होगा। 2024 के आम चुनाव की रणनीति के लिए दिल्ली का दौरा किया गया था, जिसके तहत विपक्षी पार्टियों के जवाब का इंतजार है।
सम्राट अशोक जयंती समारोह के अवसर पर सीएम ने मीडिया से कहा, “सम्राट अशोक का राजकीय समारोह पिछले साल मैनें शुरू किया था। अब प्रत्येक वर्ष इसे मनाया जाता है।”
प्रधानमंत्री का बयान “भ्रष्टाचारियों को एकजुट किया जा रहा है” पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उनके बोलने का कुछ मतलब नहीं है और लोगों को क्या बना रहे हैं सबको मालूम हैं। “हमलोग काम करते हैं, लेकिन खबर नहीं चलती है और बीजेपी वाले कुछ नहीं करते हैं लेकिन चारों ओर प्रचार किया जाता है। उनकी खबरें सुर्खियों में रहती हैं,” उन्होंने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपई ने तीन विभागों की जिम्मेवारी दी थी और ईमानदारी से सभी का निर्वहन किए थे। अटल बिहारी वाजपई हिंदू मुस्लिम सब के लिए समान काम करते थे और सभी लोगों का साथ रहता था। वर्तमान बीजेपी संगठन के लोगों के बारे में जनता सब जानती हैं। देश में कुछ काम नहीं हो रहा है सिर्फ प्रचार के माध्यम से लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने मीडिया को अपने काबू में रखा हुआ है।”
सम्राट चौधरी के 2025 में अणे मार्ग जाने की बातों पर हंसते हुए वह कहते हैं,”इन बातों पर हम कुछ नहीं कहना चाहते हैं। इन बातों का महत्व नहीं है। सम्राट चौधरी पहले आरजेडी में थे, फिर जदयू में आए और अब बीजेपी में चले गए।”
उपेंद्र कुशवाहा पर हमला बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि शुरू में हमने उसे लाया, फिर भाग गया। फिर हमने राज्य सभा भेजा, फिर भाग गया। उसके कहीं जाने का कोई मतलब नहीं है।
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