पश्चिम बंगाल: उत्तर दिनाजपुर के चाकुलिया विधानसभा से पूर्व विधायक अली इमरान रम्ज़ ‘विक्टर’ सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने पश्चिम बंगाल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की उपस्थिति में कोलकाता में पार्टी की सदस्य्ता ली।
50 सालों से फॉरवर्ड ब्लॉक से जुड़ा था परिवार
इमरान रम्ज़ ‘विक्टर’ का परिवार अब तक आल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक पार्टी से जुड़ा था। आल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के टिकट पर ही उनके पिता मो. रमजान अली 1971 से 1991 के बीच चार बार गोआलपोखर विधानसभा से विधायक बने। उनकी मृत्यु के बाद हफ़ीज़ आलम सैरानी 1996 और 2001 में विधायक बने। साल 2006 में कांग्रेस की दीपा दासमुंशी ने सैरानी को हरा दिया। तब दीपा दासमुंशी के पति और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रियरंजन दास मुंशी रायगंज के सांसद थे। 2008 में प्रियरंजन दास मुंशी को पैरालिसिस हो जाने की वजह से 2009 लोकसभा चुनाव में दीपा दासमुंशी चुनाव मैदान में उतरीं और संसद पहुंची। इस वजह से गोआलपोखर सीट ख़ाली हो गई और उस सीट पर साल 2009 में उपचुनाव हुए। इस चुनाव में इमरान रम्ज़ ‘विक्टर’ ने अपना पारिवारिक सीट कांग्रेस से वापस छीन ली।
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2011 में गोआलपोखर विधानसभा को बाँट कर चाकुलिया विधानसभा बनाया गया और विक्टर यहाँ से भी 2011 और 2016 का चुनाव जीतने में सफल हुए। हालांकि 2021 के विधानसभा चुनाव में वह ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के सामने टिक नहीं पाए और तीसरे स्थान पर चले गए।
कांग्रेस में क्यों शामिल हुए अली इमरान रम्ज़ ‘विक्टर’?
कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर इमरान रम्ज़ ‘विक्टर’ ने फोन पर ‘मैं मीडिया’ को बताया, “देश की मौजूदा सियासी हालात को देखते हुए मुझे लगा कि देश में कांग्रेस ही भजपा को हरा सकती है। पिछले चुनाव में अगर भाजपा को 31% वोट मिले, तो कांग्रेस के पास 26% हैं। बाकी लोग जैसे कि ममता बनर्जी या नीतीश कुमार सिर्फ विपक्ष को कमज़ोर कर रहे हैं।”
ये पूछने पर की क्या वह रायगंज से लोकसभा चुनाव लड़ने की सोच रहे हैं, विक्टर ने बताया, “किसी ओहदे की बात पर पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं। सिर्फ सर उठा कर क्षेत्र में सियासत करना चाहते हैं, जैसा कि हमलोग करते आए हैं।”
विक्टर के साथ उनके चाचा पूर्व मंत्री हफ़ीज़ आलम सैरानी भी आज कांग्रेस कार्यालय पहुंचे थे, हालांकि विक्टर ने बताया कि सैरानी ने फिलहाल कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली है।
जानकारों के अनुसार 2021 विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर ने विक्टर को तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का ऑफर दिया था, लेकिन यह आफर उन्होंने ठुकरा दिया था।
2021 विधानसभा चुनाव के दौरान ‘मैं मीडिया’ के साथ एक इंटरव्यू में अली इमरान रम्ज़ ‘विक्टर’ ने बताया था कि सुभाष चंद्र बोस पर मुख़र्जी कमीशन की रिपोर्ट का विरोध करते हुए 2005 में वह कोलकाता में तत्कालीन रक्षा मंत्री प्रणब मुख़र्जी को काला झंडा दिखाते हुए उनकी गाड़ी के सामने कूद गए थे।
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