किशनगंज टाउन थाना क्षेत्र अंतर्गत गाछपाड़ा पंचायत के बोमबस्ती गांव में छापेमारी कर पुलिस ने खून की कालाबाज़ारी का भंडाफोड़ किया। गुप्त सूचना मिलने पर एसआई संजय कुमार यादव पुलिस दल के साथ बोमबस्ती गांव पहुंचे, जहां उन्हें एक संदिग्ध लड़का दिखा, जो पुलिस को देखते ही भागने लगा। पीछा करते हुए पुलिस एक कच्चे मकान में पहुंची, जहां फ्रिज में खून के कई पाउच बरामद हुए।
संदिग्ध लड़का मौके से फरार हो गया जबकि घर में उसका छोटा भाई मौजूद था। पुलिस को छापेमारी में 20 यूनिट खून और बड़ी संख्या में सिरिंज के पैकेट मिले हैं। इसके अलावा घर के बाहरी हिस्से में खून निकालने के लिए आवश्यक उपकरण भी बरामद किए गए। फरार शख्स का नाम अशफ़ाक़ आलम बताया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, नशे में लिप्त लोग चंद पैसों के लिए खून बेचते थे। खून निकालने की सारी प्रक्रिया इसी कच्चे मकान में की जाती थी। ऐसा माना जा रहा है कि सस्ते दामों पर खून जमा कर बिहार और बंगाल के अलग अलग नर्सिंग होम में इन्हें बेचा जा रहा था। ऐसा अनुमान है कि नशे में लिप्त युवाओं को खून के बदले स्मैक जैसे नशीले पदार्थ दिये जा रहे थे।
मामले की जानकारी देते हुए किशनगंज पुलिस अधीक्षक डॉ इनामुल हक़ ने बताया कि गुप्त सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम गठित कर संदिग्ध के घर भेजा गया जिसमें 20 यूनिट खून, सिरिंज और बाकी चीज़ें मिलीं। उन्होंने कहा कि खून की खपत कहां होती है, इसका पता लगाना आवश्यक है क्योंकि ये खून नशा करने वाले लोगों से लिया जाता था, ऐसे में बीमारी फैलने की आशंका अधिक है।
इनामुल हक़ ने आगे बताया कि इलाके में कई अवैध नर्सिंग होमों की शिकायतें मिलीं हैं जिनपर लगातार कार्रवाई की जा रही है। अगर कोई पंजीकृत अस्पताल या नर्सिंग होम खून की इस कालाबाज़ारी में संलिप्त पाया गया तो उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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