देश के कई हिस्सों में फैल चुका आई फ्लू अब बिहार में भी भयावह रूप लेने लगा है। पूर्णिया जिले में आई फ्लू के मरीजों की संख्या आए दिन बढ़ रही है। जीएमसीएच के OPD में हर रोज 100 से 150 की संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि आई फ्लू मरीज के संपर्क में आने से दूसरे व्यक्ति को बचना चाहिए।
अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर श्वेता भारती ने बताया कि तेज़ी से फैलने वाली आँखों की इस बीमारी का नाम ‘वायरल कंजंकटीवाईटिस’ है। यह एक सामान्य फ्लू है जो बीच बीच में होता रहता है। अभी यह बीमारी ‘एडिनो वाइरस’ की वजह से फैल रही है। यह फ्लू बहुत तेज़ी से एक से दूसरे व्यक्ति में फैल जाता है।
कैसे बचें इस वायरस से
डॉक्टर श्वेता भारती ने आगे कहा कि इससे अधिक घबराने की ज़रूरत नहीं है। घर में जिस बच्चे को यह बीमारी होती है, उसे अलग रखना चाहिए और बार बार हाथ धुलाते रहना चाहिए। मरीज़ का रुमाल और तकिया अलग रखना चाहिए और स्पर्श से बचना चाहिए। इसके लिए आम तौर पर दवाई खाने की आवश्यकता नहीं होती है। तीन से चार दिनों में यह ठीक भी हो जाता है।
“अगर बहुत ज्यादा लाली हो, पलकें बहुत ज्यादा सूज गई हों, तो उस समय नेत्र चिकित्सक से परामर्श लेना है। ज्यादा सीरियस होने पर कुछ लुब्रिकेटिंग ड्राॅप और एंटी बायोटिक का भी रोल है। हालांकि वायरल इंफेक्शन में एंटी बायोटिक ज्यादा काम नहीं करता, लेकिन आँख में खुजली बढ़ने से एंटी बायोटिक देना पड़ता है। इसको लेकर डरने की बात नहीं है। 1% से भी कम लोगों में कॉर्निया प्रभावित होता है,” डॉक्टर श्वेता भारती कहती हैं।
डॉक्टर श्वेता ने इस वायरल बीमारी से बचने के लिए हाथ धोने और मरीज़ से दूरी बनाने जैसी सामान्य सावधानी बरतने को कहा। अगर किसी मरीज़ को यह बीमारी हो जाती है तो बर्फ से सेंकना और डॉक्टर की सलाह से कुछ ड्राॅप का इस्तेमाल किया जा सकता है। डॉक्टर श्वेता ने इस बात पर ज़ोर दिया कि खुद से किसी तरह की कोई दवा का प्रयोग न करें, ऐसा करना हानिकारक हो सकता है।
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