बिहार के सहरसा में रक्त काली मंदिर स्थित बाबा कारू खिरहर संग्रहालय का बुरा हाल है। इस संग्रहालय में जितनी भी मूर्तियां रखी हुई थीं, सभी जमींदोज होती जा रही हैं।
बता दें कि संग्रहालय का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की सरकार में 10 फरवरी 2004 को किया गया था और उद्घाटन करने के लिए कला संस्कृति मंत्री अशोक कुमार सिंह यहां पहुंचे थे।
उद्घाटन के बाद से ही इस संग्रहालय में काफी भीड़ रहने लगी, क्योंकि लोग यहां रखी प्राचीन काल की मूर्तियों को देखने के लिए आते थे।
इस संग्रहालय में भारत के लोग और उनकी संस्कृति गुड़िया के माध्यम से प्रदर्शित की जाती थी। साथ ही यहां बिहार के विभिन्न स्थानों से प्राप्त पुरानी सामग्रियां भी रखी हुई थीं। लेकिन उद्घाटन के 1 साल बाद ही साल 2005 में दुर्भाग्य से इस संग्रहालय से बुद्ध की मूर्ति चोरी हो गई, जिस कारण संग्रहालय बंद हो गया।
लगभग 16 साल बाद 4 अप्रैल 2021 को एनडीए सरकार में कला संस्कृति मंत्री बने आलोक रंजन ने इसे फिर से खुलवाया। लेकिन दोबारा उद्घाटन होने के बाद यहां न तो प्राचीन काल का कोई सामान है और न ही किसी तरह का सौंदर्यीकरण या जीर्णोद्धार कार्य कराया गया है।
यहां मौजूद अनिल कुमार बताते हैं कि यहां ना तो सुरक्षा है ना सफाई है ना सौंदर्यीकरण हैं और ना ही सामान है, सिर्फ संग्रहालय का ढांचा ही है। वह आगे कहते हैं कि यहां की सरकार की उदासीनता व प्रशासन की लापरवाही के कारण यह संग्रहालय उदासीनता का शिकार बन चुका है।
स्थानीय बुज़ुर्ग शंभू प्रसाद यादव को तो मानो अब इस संग्रहालय के जीर्णोद्धार की उम्मीद ही नहीं है। वह कहते हैं कि सरकार इसको अच्छा कर देगी, तो बढ़िया है और अगर नहीं करेगी, तो वही लोग देखेंगे।
स्थानीय MLC अजय कुमार सिंह ने इसको लेकर जिला प्रशासन से बात करने का आश्वासन दिया।
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