लोजपा प्रमुख पशुपति पारस ने मंगलवार को कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। वह मोदी सरकार में खाद्य और प्रसंस्करण मंत्री थे। एनडीए के बिहार में हुए सीट बंटवारे के बाद से वह नाराज चल रहे थे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने ईमानदारी से एनडीए की सेवा की है और उनकी पार्टी के साथ नाइंसाफी हुई है।
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“प्रधानमंत्री मोदी जी देश के बड़े नेता हैं, लेकिन हमारी पार्टी और व्यक्तिगत रूप से हमारे साथ नाइंसाफी हुई है। इसलिए मैं भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री से त्यागपत्र देता हूं,” उन्होंने कहा।
#WATCH दिल्ली: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने कहा, "5-6 दिन पहले मैंने प्रेस वार्ता में कहा था कि मैं तब तक इंतजार करूंगा जब तक NDA सीटों की घोषणा नहीं करती। मैंने बहुत ईमानदारी से NDA की सेवा की। पीएम नरेंद्र मोदी देश के बड़े नेता हैं, लेकिन हमारी… pic.twitter.com/UrTBN7vpkc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 19, 2024
इसके बाद उन्होंने किसी भी बात का जवाब नहीं दिया।
यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह महागठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं और लालू प्रसाद यादव से उनकी मुलाकात हो सकती है।
गौरतलब है कि बिहार में एनडीए में सीटों के बंटवारे का ऐलान हो चुका है। बीजेपी के खाते में सबसे अधिक 17 सीटें आई हैं। लोजपा प्रमुख पशुपति पारस को गठबंधन में कोई तवज्जों नहीं मिली और उन्हें एक भी सीट नहीं दी गई। वहीं, जेडीयू के खाते में 16 सीटें आई हैं।
अन्य सहयोगी दलों की बात करें तो चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 5, जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को एक और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल को एक सीट मिली है।
खबर यह भी आ रही है कि जल्द ही पशुपति पारस महागठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं, हालांकि अभी महागठबंधन की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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