कटिहार पुलिस ने जिले के 50 हजार रुपये के इनामी अंतरराज्यीय अपराधी बलिया बेलौन थाना क्षेत्र के सिहरौल गांव निवासी मो. मोहिब उर्फ ‘मौलवी’ को पूर्णिया-कटिहार बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया है।
कटिहार एसपी जितेंद्र कुमार को गुप्तचरों द्वारा सूचना मिली कि मो. मोहिब उर्फ मौलवी को पूर्णिया कटिहार बॉर्डर के पास देखा गया है।
आनन-फानन में कटिहार एसपी के नेतृत्व में पुलिस टीम फौरन कटिहार से पूर्णिया की ओर निकली।
जैसे ही पुलिस रौतारा के समीप पहुँची तो फिर गुप्तचरों ने सूचना दी कि वह सवारी टेम्पो से कटिहार की ओर आ रहा है। इसके बाद पुलिस टीम द्वारा उक्त टेम्पो को रोका गया तो देखा गया कि मोहिब उर्फ मौलवी बीच वाली सीट पर बैठा सफ़र कर रहा है। पुलिस अधीक्षक कटिहार के नेतृत्व में गई टीम ने तुरंत उसे गिरफ्तार कर लिया।
मोहिब पर गंभीर धाराओं में दर्ज हैं कई मामले
मामले को लेकर एसपी ने नगर थाने में आयोजित प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि मोहिब पर अलग अलग थानों में आधा दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं और वर्षों से पुलिस को उसकी तालाश थी।
पुलिस अब सीमावर्ती राज्यों सहित विभिन्न जिलों से उसके आपराधिक इतिहास को खंगालने में जुटी हुई है।
मुखिया पति व भाजपा नेता की हत्या का भी आरोप
उल्लेखनीय है कि मो. मोहिब उर्फ मौलवी ने कथित तौर पर कटिहार जिले के बलिया बेलौन थाना अंतर्गत विझारा पंचायत के मुखिया पति मो. तनवीर राही की हत्या की थी। इस संदर्भ में बलिया बेलौन थाने में उसके खिलाफ इंडियन पीनल कोड की धारा-302, 307, 120बी और 34 तथा आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत मामला दर्ज है।
वहीं, पिछले साल तेलता थाना क्षेत्र के भाजपा नेता व पूर्व जिला परिषद् सदस्य संजीव मिश्रा की हत्या के मामले में भी वह नामजद है।
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मोहिब उर्फ मौलवी को पकड़ने के लिए पुलिस ने बंग्लादेश, दिल्ली, नेपाल सहित एक हजार स्थानों पर छापामारी की थी, लेकिन असफल रही।
छापामारी के दौरान हर बार मौलवी, पुलिस को चकमा देकर निकल जाता था। मौलवी को पकड़ने के लिए एसपी ने बारसोई एसडीपीओ प्रेमनाथ राम के नेतृत्व में एसआइटी का गठन कर रखा था। इस छापामारी में नगर थानाध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह, बेलिया बेलोन थानाध्यक्ष रविद्र कुमार, सहायक थानाध्यक्ष रूपक रंजन सिंह, कौढ़ा थानाध्यक्ष आलोक राय, बलरामपुर व कदवा थानाध्यक्ष शामिल थे।
एक पुलिस कर्मी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि अबतक वह उसे गिरफ्तार करने के लिए विभिन्न शहरों में कई लाख रुपये खर्च कर चुके हैं।
फरार अपराधी की गिरफ्तारी के बाद मिला पुलिस को सुराग
सूत्रों के मुताबिक, बीते दिनों फरार चल रहे एक अन्य इनामी अपराधी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को मौलवी का सुराग लगा था।
यहां यह भी बता दें कि पूर्व में कई बार मौलवी की गिरफ्तारी हो चुकी है। साल 2014-15 में किशनगंज जिले की टाउन थाना पुलिस ने डकैती के एक मामले में गिरफ्तार किया था। उसके पास से 9 पिस्टल व 25 अन्य असलहे बरामद हुए थे।
वहीं, वर्ष 2019 में मौलवी की गिरफ्तारी साहेबगंज पुलिस ने विभिन्न प्रकार के असलहों के साथ की थी। पश्चिम बंगाल पुलिस, बंगाल के एक केस में मैलवी को रिमांड पर ले गयी थी।
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