महाराष्ट्र में एनसीपी अजीत गुट ने अचानक एनडीए को समर्थन दिया और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तभी से पार्टी के आंतरिक विद्रोह में अजीत गुट और पार्टी के संस्थापक शरद पवार के बीच सियासी लड़ाई तेज होती जा रही है।
एनसीपी में जारी राजनीतिक घमासान के बीच पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव करते हुए मो. राहत कादरी को तत्काल प्रभाव से प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर दिया है।
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प्रफुल्ल पटेल द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि वह तत्काल प्रभाव से बिहार के प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान संभालेंगे।
आपको बता दें कि मोहम्मद राहत क़ादरी बिहार के कटिहार जिले के निवासी हैं और छात्र जीवन से ही एनसीपी से जुड़े हैं।
पूर्व में पार्टी के विभिन्न पदों को सुशोभित करते हुए वह एनसीपी युवा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष, एनसीपी के प्रदेश प्रवक्ता और विधानसभा चुनाव में पार्टी के इंचार्ज के रूप में भी सेवा दे चुके हैं।
सुशील मोदी ने कसा तंज
बीते 2 जुलाई को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा से राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने तंज कसते हुए ट्वीट किया था कि महाराष्ट्र में हो रही राजनीतिक उथल-पुथल में भाजपा की कोई भूमिका नहीं है, लेकिन ऐसी स्थिति बिहार में भी हो सकती है।
“शरद पवार की पार्टी एनसीपी में विद्रोह विपक्षी एकता की पटना बैठक का परिणाम है जिसमें सिर्फ राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करने के लिए जमीन तैयार की जा रही है। महाराष्ट्र जैसी स्थिति बिहार में भी बन सकती है,” उन्होंने ट्वीट कर कहा था।
उन्होंने यह भी ट्वीट किया कि एक समय में शरद पवार ने विदेशी मूल के मुद्दे पर कांग्रेस को तोड़कर अपनी पार्टी एनसीपी बनाई थी, आज उनके साथ वही हो रहा है।
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