कटिहार जिले के बारसोई अनुमंडल मुख्यालय प्रांगण में बीते 26 जुलाई को बिजली की लचर व्यवस्था से तंग आकर अनुमंडल क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से प्रदर्शन किया था।
प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने विद्युत कार्यालय में तोड़फोड़ व पत्थरबाजी भी की थी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बारसोई पुलिस ने बल प्रयोग किया, फिर गोली चलाई, जिसमें दो लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी, जबकि एक व्यक्ति अभी भी जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।
बारसोई के इस चर्चित गोलीकांड के बाद 42 नामजद व 1200 से अधिक अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ था, जिसमें क्षेत्र के नामचीन जनप्रतिनिधियों और पंचायत प्रतिनिधि शामिल थे।
एफआईआर में जन क्रान्ति के अध्यक्ष शाह फैसल का नाम आने के बाद उनकी पत्नी ने प्रशासन के कुछ अधिकारियों पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। उनकी पत्नी ने बताया था कि शाह फैसल घटना के दिन सालमारी में ही मौजूद थे और एक क्रिकेट मैच का उद्घाटन कर रहे थे लेकिन पुलिस ने गलत तरीके से उनका नाम एफआईआर में डाला था।
एफआईआर में जिला परिषद सदस्य अब्दुस सलाम का भी नाम था और उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। लगभग 2 महीने से अधिक की सजा काटने के बाद उन्हें आखिरकार जमानत मिली। जमानत मिलते ही लोगों ने माला पहना कर उनका स्वागत किया।
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पत्रकारों से बातचीत करते हुए जिला परिषद सदस्य अब्दुल सलाम ने कहा कि पुलिस क्षेत्र के लोगों के बीच डर का माहौल पैदा करना चाहती है। “संवैधानिक तरीके से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस द्वारा खुद गोली चलायी गयी। पुलिस की गोली से दो लोगों की जान चली गई। एक अभी भी अस्पताल में है। इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों के ऊपर कई संगीन धाराएं लगाकर केस दर्ज करना काफी निंदनीय है,” उन्होंने कहा।
दर्जनों आरोपितों को मिली जमानत
बीते 27 अक्टूबर को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर जानकारी देते हुए इमादपुर पंचायत के मुखिया इंजीनियर मोअज्जम हुसैन ने लिखा कि वह और उनके दर्जनों साथियों को न्यायालय से जमानत मिली है।
फोन पर जानकारी देते हुए मोअज्जम मुखिया ने बताया कि अबतक दो दर्जन से अधिक लोगों को जमानत मिल चुकी है, जिसमें बारसोई नगर पंचायत के मुख्य पार्षद पुत्र रिंकू सिंह, इमादपुर पंचायत के मुखिया इंजीनियर मोअज्जम हुसैन, जन अधिकार पार्टी के प्रदेश महासचिव इंजीनियर तनवीर शम्सी, जन क्रान्ति के संयोजक इंजीनियर शाह फैसल, मदनी यतीम खाना के संचालक सह जिला परिषद मो. अफताब ताज, बेलवाडांगी पंचायत के मुखिया असहाब आलम, वदूद मुखिया, नवाज़ मुखिया, अब्दुस सलाम, प्रमोद कुमार शाह, दीपक चंद्र शाह, फिरोज आलम, मोहम्मद फैजान के अलावा और कई लोग हैं।
इंजीनियर तनवीर शम्सी ने इसे जनता की जीत बताते हुए कहा कि आखिर में सच्चाई की जीत होती है, न्यायालय से हम सभी को जमानत मिली है। शाह फैसल ने कहा कि जमानत देते हुए अदालत ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि निर्दोष लोगों का नाम एफआईआर में कैसे आया।
सभी जनप्रतिनिधियों ने मामले की सही जांच करने की मांग भी सरकार से की।
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