ज़रा सोचिये, अपने घर से हज़ारों किलोमीटर दूर आपको अपनी रोज़ी रोटी के लिए अगर हफ्ते के सात दिन 12 घंटे काम करना पड़े तो कैसा लगेगा? क्या इसी रूटीन के साथ आप ज़िन्दगी बिना हिम्मत हारे गुज़ार सकते हैं?
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इन सवालों के जवाब के लिए दिल्ली में सिलाई-कढ़ाई का काम कर रहे बिहार के लोगों के ज़िन्दगी की एक झलक देख लीजिए…
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