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“जदयू को कुछ और उम्मीदवार की जरूरत हो तो बताइएगा प्लीज़” – अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रमेश कुशवाहा के जदयू में जाने पर उपेंद्र कुशवाहा का कटाक्ष

आरएलएम के पूर्व बिहार प्रदेश अध्यक्ष का जदयू में जाने को लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे के समीकरण से जोड़ कर देखा जा रहा है। ऐसी खबरें हैं कि रमेश कुशवाहा की पत्नी विजयलक्ष्मी कुशवाहा को जदयू सिवान से सीट देने वाला है।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
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उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के प्रदेश अध्यक्ष रहे रमेश कुशवाहा अपनी पत्नी विजयलक्ष्मी संग शनिवार को जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गए। इस पर आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल साइट एक्स पर जदयू से कहा कि कोई और उम्मीदवार की जरूरत हो तो बताइएगा। अपने पोस्ट में उन्होंने हरिवंश राय बच्चन की एक कविता, “जो बीत गई सो बात गई” की कुछ पंक्तियाँ भी लिखीं।

उपेंद्र कुशवाहा ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा किसी अन्य पार्टी में शामिल हो जाने पर आक्रोशित मित्र कृपया हरिवंश राय बच्चन साहब की निम्नलिखित पंक्तियों का स्मरण करें। जो बीत गई सो बात गई, मधुवन की छाती को देखो। सूखी कितनी इसकी कलियां, मुरझाई कितनी वल्लरियां। जो मुरझाई फिर कहां खिलीं, पर बोलो सूखे फूलों पर कब मधुवन शोर मचाता है। जो बीत गई सो बात गई !”

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उन्होंने आगे लिखा, “वैसे जदयू के लोगों से आग्रह है कि कुछ और उम्मीदवार की जरूरत हो तो बताइएगा, प्लीज़।”


आरएलएम के पूर्व बिहार प्रदेश अध्यक्ष का जदयू में जाने को लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे के समीकरण से जोड़ कर देखा जा रहा है। ऐसी खबरें हैं कि रमेश कुशवाहा की पत्नी विजयलक्ष्मी कुशवाहा को जदयू सिवान से सीट देने वाला है। बता दें कि रमेश कुशवाहा 2020 तक जदयू में थे और 2015 विधानसभा चुनाव में जदयू के टिकट पर जीरादेई सीट से विधायक बने थे।

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सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

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