कोरोना कहर के बीच बिहार के सीमांचल क्षेत्र के चारों ज़िलों से एक अच्छी खबर आई है। इलाके के एक दर्जन मरीज अब तक कोरोना से जंग जीत चुके हैं।
बिहार के अररिया के क्वारंटीन सेंटर में लगातार मजदूरों का विरोध जारी है। मजदूर भोजन को लेकर नाराज़ हैं।
कोरोना संक्रमण के बीच अररिया ज़िले के फारबिसगंज में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने हवन के धुंए लेकर पूरे शहर का भ्रमण किया।
पूर्णिया के एक क्वारंटीन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों ने जम कर हंगामा किया, CO को घेर कर ज़बरदस्ती खाना खिलाने की कोशिश की और कुव्यवस्था को लेकर सवाल किये।
नीतीश कुमार ने साफ कह दिया है कि लॉक डाउन के दौरान कोटा या कहीं और से छात्रों को वापस लाना संभव नहीं है, क्योंकि इससे लॉकडाउन प्रभावित होगा।
सवाल उठता है, अगर करोना का सम्बंध कहीं भी मछली, अंडे और चिकेन से नहीं है, तो फॉरबिसगंज नगर परिषद् क्या इसकी खरीद बिक्री पर प्रतिबंध लगा कर महज अफवाह फैलाने का काम कर रहा है?
किशनगंज में कोरोना वायरस का एक संदिग्ध मरीज मिला है, जिसे एम जी एम मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में जांच के लिए एडमिट करवाया गया है।
फ़ारबिसगंज अनुमंडल अस्पताल में कोरोना वायरस का एक संदिग्ध मरीज मिलने से सनसनी। डॉक्टरों ने जांच के बाद आनन फानन में संदिग्ध मरीज को भागलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया है।
नोवेल कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा साफ़ सफाई पर विशेष ध्यान देने की बात तो कही जा रही है, लेकिन किशनगंज स्थित सदर अस्पताल पर इसका कोई भी असर पड़ता नहीं दिख रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तमाम दावों के बावजूद कोरोना वायरस को लेकर बिहार सरकार गंभीर नज़र नहीं आ रही है। सीमावर्ती जिला किशनगंज में कोरोना वायरस को लेकर हाई अलर्ट घोषित किया गया है।
नावेल कोरोना वायरस से दुनियाभर में लगभग सात हज़ार लोगों की मौत हो गई है, इसी बीच चिकन को लेकर उड़ी एक अफवाह ने पोल्ट्रीफार्म मालिकों को सड़क पर ला दिया है।
अररिया जिले में कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। संक्रमित रोगियों के लिए सदर अस्पताल और फारबिसगंज अनुमंडल अस्पताल में पांच बेड वाला आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है।
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अररिया में अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को खुली जगह पर फेंक कर हो रहा है कानून का उल्लंघन।