राज्य मुख्यालय से लेकर पंचायत स्तर के कार्यालयों को एक नेटवर्क से जोड़ते हुए विडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC), वॉयस ओवर इंटरनेट, हॉरिजॉन्टल कनेक्टिविटी, इंटरनेट और इंट्रानेट की सुविधा निर्बाध रूप से उपलब्ध कराने के लिए बिहार कैबिनेट ने 5 अरब 64 करोड़ 2 लाख रुपये की स्वीकृति दी है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बिहार स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क के तीसरे चरण (BSWAN-3.0) को मंजूरी दी गई। इसके अलावा कैबिनेट ने विभिन्न विभागों की 36 अन्य योजनाओं को भी मंजूरी दी।
यह राशि सूचना व प्रावैधिकी विभाग को आवंटित की गई है। इस राशि से विभाग, बिहार स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क के तीसरे चरण (BSWAN-3.0) की आधारभूत संरचना तैयार करेगा, ताकि राज्य मुख्यालय से लेकर पंचायत स्तर तक के कर्मचारी और जनप्रतिनिधि एक साथ उच्च क्वालिटी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ सकें और किसी भी समस्या का हल और तेजी से निकाल सकें।
वीडियो सेवाओं, वीडियो कांफ्रेंसिंग की आवाज और डेटा के एकीकरण के साथ प्रखंड स्तर तक कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए BSWAN-3.0 को लागू किया जा रहा है। इसको लागू करने से सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में और तेजी लाई जा सकेगी।
क्या है BSWAN नेटवर्क सेवा
बिहार स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (BSWAN) बिहार का एक महत्वपूर्ण सूचना तकनीक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है, जिसे बिहार का नेटवर्क हाईवे भी कहा जाता है। बिहार राज्य डाटा सेंटर में सभी एप्लिकेशन, होस्ट की गई सेवाएं और उनके डाटा का आदान-प्रदान BSWAN के माध्यम से ही किया जाता है। इस परियोजना के तहत एडवांस वॉयस और वीडियो सेवाओं के जरिये ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना है।
इससे पहले बिहार में BSWAN-2.0 से सभी कार्य संचालित किया जा रहा था। BSWAN-2.0 को लागू करने के लिए बिहार सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा बेल्ट्रॉन संस्था को नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया था, जो पूरे राज्य को दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के वैकल्पिक सेवा प्रदाताओं के माध्यम से अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा था।
BSWAN नेटवर्क सेवा का परिचालन पटना में राज्य मुख्यालय केंद्र, 38 जिला मुख्यालय केंद्र और पूरे बिहार में 495 प्रखंड मुख्यालय केंद्रों में हो रहा है। प्रत्येक केंद्र में सूचना तकनीक का बुनियादी ढांचा है जिसमें सर्वर, नेटवर्किंग डिवाइस, लीज्ड लाइन्स मॉडेम, यूपीएस, एयर कंडीशनर और जेनरेटर शामिल हैं। नेटवर्क बैकबोन दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) द्वारा प्रदान किया जाता है।
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BSWAN सुरक्षित मल्टीप्वाइंट हाई-परफॉर्मेंस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवा प्रदान करता है, जिसमें आवाज की स्पष्टता, स्वचालित रूप से पृष्ठभूमि शोर को कम करना और बैठकों को ट्रैक पर रखने और विकर्षणों से मुक्त रखने के लिए उन्नत इको-कैंसिलेशन प्रदान करता है।
BSWAN के माध्यम से सामग्री को 1080 पिक्सल तक की गुणवत्ता में भेजा और प्राप्त किया जा सकता है। इस सेवा के जरिये सामग्री को उच्च क्वालिटी मल्टीमीडिया इंटरफेस (HDMI), वीडियो ग्राफिक्स किरणों (VGA) का उपयोग कर या अपने लैपटॉप या मोबाइल से वायरलेस के माध्यम से साझा करना आसान है।
BSWAN नेटवर्क सेवा का उद्देश्य
सरकारी सेवाओं और सरकार से संबंधित सूचनाओं का किसी भी समय और कहीं से भी प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करना, पूरे राज्य में वर्टिकल और क्षैतिज कनेक्टिविटी के लिए एक विश्वसनीय तथा स्केलेबल नेटवर्क स्थापित करना और विभिन्न स्थानों पर सरकारी विभागों के बीच संचार की लागत को कम करना BSWAN के उद्देश्य हैं।
इसके अलावा संवेदनशील डेटा और भुगतान आदि के इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण को सक्षम करने के लिए सुरक्षित नेटवर्क बुनियादी ढांचा प्रदान करना तथा आपदा प्रबंधन की क्षमता में सुधार करना भी इनके उद्देश्यों में शामिल हैं।
बिहार सरकार ने BSWAN नेटवर्क के माध्यम से अब तक 18,096 से भी अधिक मल्टी वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की है। BSWAN सेवा से राज्य के प्रमुख विभाग जैसे कि स्वास्थ्य, पुलिस (गृह), ट्रेजरी, वाणिज्यिक कर, परिवहन, पंजीकरण, उत्पाद शुल्क इत्यादि जुड़े हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के दौरान BSWAN 2.0 वीडियो कांफ्रेंसिंग सरकार के रोजमर्रा के कार्यों के लिए एक आवश्यक सेवा बन गयी थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस सेवा का बड़े पैमाने पर उपयोग किया। यहां तक कि कैबिनेट की बैठकें BSWAN के वीडियो कांफ्रेंसिंग पर ही आयोजित की गई थीं।
इसके अलावा बिहार सरकार के मुख्य सचिव अपनी सभी बैठकें BSWAN वीसी पर आयोजित कर रहे हैं। जिले के जिला पदाधिकारी, उप-विकास आयुक्त और अन्य स्थानीय प्राधिकरण भी दैनिक आधार पर इन सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने 2004 में SWAN को दी थी मंजूरी
स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (SWAN) का मुख्य उद्देश्य सरकारी कामकाज के लिए एक सुरक्षित व उच्च गति कनेक्टिविटी प्रदान करना और राज्य मुख्यालय को जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक जोड़ना है।
केंद्र सरकार ने मार्च, 2005 में पूरे देश में स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (SWAN) स्थापित करने की योजना को मंजूरी दी थी, जिसकी कुल लागत 3,334 करोड़ रुपये थी। इस राशि को इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्रालय द्वारा राज्यों को अनुदान के तहत दिया जाना था।
योजना के तहत सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यालयों को जिला, अनुमंडल तथा प्रखंड स्तर तक एक वर्टिकल पदानुक्रमित संरचना में जोड़ने के लिए पाँच वर्षों की अवधि में 2,005 करोड़ रुपये से राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी।
पहले चरण में प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में उपयोग के आधार पर राज्य मुख्यालय व जिला मुख्यालय के बीच इंटरनेट बैंडविड्थ को 34-100 मेगाबाइट प्रति सेकेंड (MBPS) और जिला मुख्यालय से प्रखंड मुख्यालय के बीच 8-10 मेगाबाइट प्रति सेकेंड (MBPS) तक बढ़ाने की योजना थी।
सरकार समय की बचत के लिए उपयोग करती है वीडियो कांफ्रेंसिंग
आजकल तकनीक के दौर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि ऐसा क्यों हो रहा है। कम लागत, उत्पादकता में वृद्धि और सुविधाओं से लैस तकनीकी कारणों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सरकार से लेकर निजी क्षेत्र के लिए एक बेहतरीन उपकरण बन गया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कंपनियों और लोगों का समय बचाने में सक्षम है। वीडियो कांफ्रेंसिंग में मीटिंग के लिए एक स्थान पर एकत्र होने की आवश्यकता नहीं होती है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग दो या दो से अधिक उपयोगकर्ताओं के बीच एक दृश्य संचार सत्र है, चाहे वे किसी भी स्थान पर मौजूद हों। वीडियो कांफ्रेंसिंग में वास्तविक समय में ऑडियो और वीडियो सामग्री का प्रसारण होता है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग का उपयोग बिहार सरकार भी इन्हीं लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए करती है। पूरे राज्य को राज्य मुख्यालय व प्रशासनिक इकाइयों से लेकर पंचायत स्तर तक की इकाइयों को एकसाथ जोड़ा जा सके, ताकि कम समय में ही सभी जानकारी सबसे छोटी प्रशासनिक इकाई तक भी पहुंच जाये।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सूचना को न सिर्फ पंचायत स्तर तक पहुंचाना, बल्कि रीयल टाइम में जिला स्तर, प्रखंड स्तर और पंचायत स्तर के अधिकारियों का फीडबैक भी प्राप्त करना है।
इन सेवाओं को लागू करने के लिए पटना स्थित राज्य मुख्यालय में 1 प्रोजेक्ट मैनेजर, 2 ऑपरेशनल मैनेजर, 7 इंजीनियर्स, 1 स्टोर मैनेजर और 6 हेल्पडेस्क एग्जेकेटिव हरदम मौजूद रहते हैं। वहीं हर जिला मुख्यालय में 1 इंजीनियर, 1 टेक्नीशियन और प्रखंड स्तर पर 1 नेटवर्क सपोर्टर स्टाफ उपस्थित रहते हैं।
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