इस घटना के बाद आसमीन के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। नाक कट जाने के चलते वह और उसका परिवार सदमे में है कि अब उससे शादी कौन करेगा और इस स्थिति में वह सार्वजनिक जगहों पर कैसे जा सकेगी।
निक्की यूक्रेन के शहर इवानो फ्रैंकिवस्क में यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रह रही हैं। उनके साथ हाॅस्टल में करीब 500 छात्र रह रहे हैं। इनमें बिहार के भी कुछ छात्र हैं। निक्की समेत हाॅस्टल के अन्य सभी छात्र डाॅक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं।
मैट्रिक की परीक्षा के पहले दिन किशनगंज में बिहार बोर्ड की चूक के चलते एक छात्रा का एक साल बर्बाद हो सकता है। बताया जा रहा है कि उक्त छात्रा की गणित विषय की परीक्षा ली जानी चाहिए थी, लेकिन उसे गृह विज्ञान का पेपर दे दिया गया। मामला किशनगंज के सरस्वती विद्या मंदिर सेंटर का है।
कटिहार जिले के आजमनगर प्रखंड की अरिहाना पंचायत के मरंगी टोले में सड़क पर मिट्टी डालने के लिए किये गये गड्ढे में गिरने से 8 साल के एक बच्चे इमरान की मौत की घटना को लेकर स्थानीय लोगों ने कहा है कि गड्ढे को लेकर उन्होंने पहले ही आगाह किया था।
कोरोना महामारी के बीच किशनगंज में पालतू सूअरों की मौत से लोगों में दहशत है। पिछले दो माह में जिले में पांच सौ से ज्यादा सुअरों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों सुअर अभी भी इस अज्ञात बीमारी की चपेट में हैं।
महाराष्ट्र के पुणे के यरवदा में तीन फरवरी की रात एक कंस्ट्रक्शन साइट पर स्लैब गिरने से बिहार के कटिहार जिले के पांच मजदूरों की मौत के मामले में वहां काम करने वाले मजदूरों ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पांचों शव के साथ लौटे मजदूरों ने कहा है कि साइट पर कोई इंजीनियर नहीं रहता था और न ही सुरक्षा का कोई इंतजाम था। मजदूरों का ये भी कहना है कि साइट पर एक दिन पहले भी हादसा हुआ था इसके बावजूद मजदूरों से काम कराया गया।
ताजीब आलम, मोहम्मद मोबिद, मोहम्मद सोहेल, मोहम्मद शमीम। ये चार नाम उन मजदूरों के हैं, जो अपने परिवार के सदस्यों की जिंदगी थोड़ी बेहतर बनाने या यूं कह लीजिए कि जीने लायक बनाने के लिए अपने घर से 2000 किलोमीटर दूर पुणे गये थे। उनके परिवार के लोग इस उम्मीद में थे कि वहां से नियमित पैसा आएगा, तो यहां सबकुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन उन्हें क्या पता था कि पैसे की जगह उनकी मौत की खबर आएगी।