जदयू के रहते देश में मुस्लिमों के खिलाफ कोई मुहिम नहीं चलेगी, ऐसा कहना है जदयू महासचिव केसी त्यागी का। ‘द रेड माइक’ के यूट्यूब चैनल से बात करते हुए जदयू नेता ने कहा कि उनकी पार्टी नई एनडीए सरकार का हिस्सा है इस नाते वह अल्पसंख्यकों के विरुद्ध देश में किसी तरह का एजेंडा चलने नहीं देंगे।
चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए मुसलमानों पर ब्यान के बारे में जदयू महासचिव ने कहा कि चुनाव खत्म होने के बाद किसने क्या कहा इस बात को भूल जाना चाहिए।
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उन्होंने कहा, “अब चुनाव खत्म हो गया है, हम चाहते हैं कि सभी संप्रदायों को मिल कर उन चीज़ों को भूल जाना चाहिए जो चुनाव में गंदगी हुई थी। कैसे बयान थे, किस लिए दिए गए थे, अब हमें एक सर्वसम्मति विकसित करने का प्रयास करना चाहिए।”
किशनगंज के बारे में क्या बोले त्यागी
केसी त्यागी ने किशनगंज लोकसभा सीट के परिणाम का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि किशनगंज में 65% मुस्लिम आबादी है लेकिन ओवैसी की पार्टी से अधिक जदयू को वोट मिले और जदयू के मुजाहिद आलम दूसरे स्थान रहे। “यह (किशनगंज का परिणाम) मुसलमानों में नीतीश कुमार जी की विश्वसनीयता और स्वीकार्यता के बारे में बहुत कुछ बताता है,” उन्होंने कहा।
मुस्लिम आरक्षण पर जदयू का रुख क्या है
केसी त्यागी ने मुस्लिम आरक्षण के मामले पर कहा कि वह धर्म के आधार पर किसी को आरक्षण देने के समर्थन में नहीं हैं। अगर मुसलमानों को सिर्फ मज़हब के आधार पर आरक्षण मिलेगा तो सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े मुसलमानों का नुकसान होगा।
वह कहते हैं, “हमारे रहते कोई एंटी मुस्लिम मुहिम नहीं चलने दी जायेगी लेकिन मुस्लिम आरक्षण है मज़हब के आधार पर। अगर मज़हब के आधार पर आरक्षण होगा तो सामाजिक और शैक्षिक रूप से जो पिछड़े मुसलमान हैं उनका तो हक मारा जाएगा।
आगे वह कहते हैं, “मुसलमानों का 82% आरक्षण पहले से मंडल (कमीशन) के अंदर है। हिन्दू का भी उसके अंदर है। अगर आप कहेंगे कि हिन्दू का भी जाति के आधार पर न करके धर्म के आधार पर आरक्षण करो तो मंडल कमीशन का कोई मतलब नहीं है। इसलिए धर्म के आधार पर किसी का भी आरक्षण हो, उसके हम खिलाफ है।”
“इंडिया गठबंधन के जालों में हम नहीं फंसेंगे”
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के सूत्रधारों में से एक थे। बाद में वह गठबंधन छोड़ एनडीए में शामिल हो गए। केसी त्यागी ने इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार को कनवेनर बनाने पर इंडिया गठबंधन के लोग राज़ी नहीं थे और आज प्रधानमंत्री का प्रस्ताव दे रहे हैं।
“अगर वो इतने हुनरमंद होते तो हम इंडिया गठबंधन से बाहर क्यों आते? नीतीश कुमार ने ही बनाया था। नीतीश कुमार के लिए लोग चाहते थे कि वह उसके कनवेनर बनें। कनवेनर प्रधानमंत्री नहीं होता है, वह फ़ोन करके बुलाता है कि यहां बैठना, वहां बैठना। उस पद को देने के लिए वो तैयार नहीं थे और आज संदेशे आ रहे हैं कि नीतीश कुमार जी को हम प्रधानमंत्री बनाना चाह रहे हैं। ऐसे जालों में हम नहीं फंसने वाले,” केसी त्यागी बोले।
एनडीए सरकार में जदयू क्या मांग करेगी?
केंद्र और बिहार में जनता दल यूनाइटेड अतीत में कई बार भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार बना चुकी है। इस बार एनडीए सरकार में जदयू कौन से कौन से मंत्रालय चाहती है, इस प्रश्न पर केसी त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी ने बिना किसी शर्त के एनडीए को समर्थन दिया है। यह प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमार के बीच का मामला है।
आगे उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार शपथ ग्रहण तक दिल्ली में रहेंगे। इस बीच इस तरह के सभी फैसले वह और प्रधानमंत्री आपस में करेंगे। जदयू पार्टी किसी तरह से भी नई सरकार में परेशानी पैदा नहीं चाहती है।
अग्निवीर योजना पर केसी त्यागी ने कहा कि चुनाव के दौरान तत्कालीन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद ही कहा था कि वह इस योजना पर लोगों की सुझाव चाहते हैं। अगर जदयू पार्टी के पास लोगों के प्रस्तावआएंगे तो पार्टी उन प्रस्तावों को रक्षा मंत्री तक भेजेगी ताकि यह योजना सबके लिए सुखदायक हो।
आगे उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर नीतीश कुमार ने पहले ही कहा है कि वह इसके पक्ष में हैं। यूनिफार्म सिविल कोड को नाज़ुक मामला बताते हुए केसी त्यागी ने कहा कि इस मामले में सभी से राय लेनी जरुरी है।
“यूनिफार्म सिविल कोड पर हमारा मानना है कि हम ‘एंटी रिफार्म’ नहीं है। यह इतना नाज़ुक मामला है, इसमें सभी मुख्यमंत्री, स्टेकहोल्डर और सभी समुदाय के लोगों को लेकर एक व्यापक ड्राफ्ट बनाना चाहिए। यह किसी पर थोपा नहीं जाना चाहिए,” केसी त्यागी ने कहा।
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