पप्पू यादव के बाद पूर्णिया में और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत का परचम लहराया है। लोकसभा चुनाव-2024 में राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव जीते। इस चुनाव में उन्होंने जदयू के दो बार के सांसद संतोष कुशवाहा और राजद की बीमा भारती को हराया था। उनका चुनाव चिन्ह कैंची छाप था।
वहीं, अब रुपौली विधानसभा उपचुनाव में भी कैची छाप के साथ चुनाव लड़ रहे एक निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने बाजी मार ली है।
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शंकर सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी जदयू के कलाधर प्रसाद मंडल को 8,246 वोटों से हराया। शंकर सिंह को 68,070 , कलाधर प्रसाद मंडल को 59,824 और बीमा भारती को 30,619 वोट मिले हैं। वहीं, सीटिंग विधायक राजद प्रत्याशी बीमा भारती तीसरे स्थान पर चली गयीं हैं। बताते चलें कि वर्ष 2000 से ही बीमा भारती इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रही थीं।
क्यों हुआ उपचुनाव?
रुपौली सीट जदयू की विधायक बीमा भारती के इस्तीफे से खाली हुई है। बीमा भारती ने इस्तीफा देकर राजद के टिकट पर पूर्णिया सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उनकी हार हुई थी।
कौन हैं शंकर सिंह?
शंकर सिंह वर्ष 2000 से लगातार यहाँ से चुनाव लड़ रहे हैं। वह फ़रवरी 2005 में पहली बार रुपौली विधानसभा से लोजपा के टिकट पर विधायक बने थे। हालांकि, नवंबर 2005 में उनकी हार हो गई थी। वह छह बार रुपौली सीट से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं।
2010 के विधानसभा चुनाव में शंकर सिंह राजद समर्थित लोजपा के उम्मीदवार थे। चुनाव में वह दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं, 2015 में पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव लड़ा, जिसमें वह तीसरे स्थान पर आये थे।
इसी तरह, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा ने उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाया था, जिसमें 44,994 वोट लाकर वह दूसरे स्थान पर रहे थे।
रुपौली विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से इस्तीफा दे दिया और निर्दलीय ही चुनाव लड़ा।
शंकर सिंह की पत्नी प्रतिमा सिंह वर्तमान में ज़िला परिषद सदस्य हैं। वह पूर्व में जिला परिषद अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।
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