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क्या जाति केंद्रित हॉस्टलों के वर्चस्व की लड़ाई में हुई पटना यूनिवर्सिटी के छात्र हर्ष की हत्या?

हर्ष पर हमला तब किया गया, जब वह परीक्षा देकर बाइक पर चढ़ रहा था। हमले की जानकारी हर्ष के पिता व पेशे से पत्रकार अजीत कुमार को कॉलेज की ही एक छात्रा ने हर्ष के फोन से दी। अजीत कुमार ने कहा कि वह छात्र रहते हुए छात्र संघ का चुनाव लड़ना चाहता था। उन्होंने बताया कि वह परीक्षा हॉल से निकल कर बाइक पर चढ़ ही रहा था कि नकाबपोश लोगों ने उस पर हमला कर दिया।

Reported By Umesh Kumar Ray |
Published On :
was patna university student harsh raj murdered in a fight for dominance of caste centric hostels

बीएन कॉलेज के छात्र हर्ष राज की लॉ कॉलेज परिसर में हत्या के मामले में सूत्रों का कहना है कि ये घटना जाति केंद्रित हॉस्टलों के ‘सम्मान’ की लड़ाई का नतीजा हो सकती है।


इस पूरी घटना का सूत्रपात पिछले साल दुर्गापूजा के मौके पर मिलर स्कूल में हुए डांडिया नाइट कार्यक्रम से होता है। बताया जाता है कि डांडिया नाइट का आयोजन हर्ष राज की तरफ से किया गया था। हर्ष राज जदयू की छात्र इकाई के टिकट पर कॉलेज का चुनाव लड़ना चाहता था और जनसंपर्क बढ़ाने के लिए उसने डांडिया नाइट का आयोजन किया था।

हर्ष भूमिहार जाति से ताल्लुक रखता है और समस्तीपुर से एनडीए उम्मीदवार व जदयू मंत्री अशोक चौधरी की पुत्री शांभवी चौधरी के चुनाव प्रचार में वह शामिल था। वह बीएन छात्रावास में रहता था, जहां मुख्य रूप से राजपूत-भूमिहार छात्रों का दबदबा है।


एक सूत्र ने बताया कि डांडिया नाइट कार्यक्रम में पटेल छात्रावास के कुछ छात्रों के साथ उसकी लड़ाई हो गई थी। पटेल छात्रावास में मुख्य रूप से कुर्मी समुदाय के छात्र रहते हैं और हर्ष की लड़ाई जिन लोगों से हुई थी, वे कुर्मी समुदाय से ही जुड़े हुए हैं।

“इस लड़ाई को पटेल समुदाय के छात्रों ने पटेल हॉस्टल के आत्मसम्मान से जोड़ दिया,” उक्त सूत्र ने कहा। “पटेल छात्रावास के छात्रों का कहना था कि अगर हर्ष की पिटाई कर बदला नहीं लिया गया, तो पटेल छात्रावास की बदनामी होगी,” एक छात्र ने कहा।

यहां यह भी बता दें कि पटना यूनिवर्सिटी के तहत आने वाले कॉलेजों के अलग अलग हॉस्टलों में अलग अलग जातियों के छात्रों का दबदबा रहता है और यही वजह है कि अक्सर इन छात्रावासों के छात्रों के बीच रस्साकशी चलती रहती है, जिसकी परिणति हिंसक झड़पों के रूप में सामने आती है।

हर्ष को संभावित हमले की जानकारी थी, इसलिए वह ज्यादातर वक्त हॉस्टल में कैद रहा करता था या फिर वैशाली स्थित अपने घर पर रहता था। फिलहाल, वह लाॅ कॉलेज में परीक्षा दे रहा था।

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परीक्षा देकर लौटते वक्त हुआ हमला

एक अन्य छात्र ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, “27 मई को चंदन यादव नाम के एक छात्र ने हर्ष के बारे में पटेल छात्रावास के छात्रों को जानकारी दे दी। इसके बाद पटेल छात्रावास के वे छात्र, जिनके साथ हर्ष का डांडिया नाइट में विवाद हुआ था, डंडा, हॉकी स्टिक्स आदि लेकर लाॅ काॅलेज कैम्पस में पहुंच गये और हर्ष पर हमला कर दिया।”

हर्ष पर हमला तब किया गया, जब वह परीक्षा देकर बाइक पर चढ़ रहा था। हमले की जानकारी हर्ष के पिता व पेशे से पत्रकार अजीत कुमार को कॉलेज की ही एक छात्रा ने हर्ष के फोन से दी। अजीत कुमार ने कहा कि वह छात्र रहते हुए छात्र संघ का चुनाव लड़ना चाहता था। उन्होंने बताया कि वह परीक्षा हॉल से निकल कर बाइक पर चढ़ ही रहा था कि नकाबपोश लोगों ने उस पर हमला कर दिया।

इस हमले में हर्ष की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने अब तक मुख्य आरोपी अमन पटेल समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। सिटी एसपी (पूर्वी) भरत सोनी ने कहा कि 6-7 अन्य आरोपियों की भी शिनाख्त की गई है और इनमें से तीन के खिलाफ गिरफ्तार वारंट कोर्ट से निर्गत कराया गया है। उन्होंने कहा कि हॉस्टल में ही हर्ष पर हमले की साजिश रची गई थी और इसको लेकर पटना यूनिवर्सिटी से जुड़े पांच हॉस्टलों में छापेमारी की गई।

इस हत्याकांड के आरोपियों में शामिल चंदन यादव ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आईसा) से संबद्ध है, जिसे पार्टी ने प्राथमिक सदस्यता से निकाल दिया है।

इधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने छात्र की हत्या पर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि न केवल पटना बल्कि पूरे बिहार में जंगलराज की स्थिति हो गई है। आज कोई भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है।

जदयू नेता व मंत्री अशोक चौधरी और उनकी बेटी व लोजपा (रामविलास) नेता शांभवी चौधरी ने इस हत्याकांड पर प्रतिक्रिया देते हुए दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की।

वहीं, ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन (एआईएसएफ) ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए मृत छात्र के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने इस घटना के दोषियों को अविलम्ब गिरफ्तार कर कड़ी सजा देने की भी वकालत की।

छात्रावासों में हिंसा नई बात नहीं

पटना विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहने वाले छात्रों के बीच हिंसक झड़पों की ये कोई पहली घटना नहीं है। साल 2019 में यूनिवर्सिटी के दो छात्रावासों के छात्रों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें दोनों ओर से पत्थर फेंके गये थे, जो चाय दुकान पर खड़े एक व्यक्ति को लग गये थे और उनकी मौत हो गई थी।

11 जून 2023 को यूनिवर्सिटी कैम्पस में दो गुटों में फायरिंग की घटना हुई थी। वहीं, 4 दिसम्बर 2023 को नदवी, जैक्सन और मिंटो छात्रावास के छात्रों के बीच मारपीट, फायरिंग व बमबाजी की घटनाओं से कैम्पस दहल गया था।

छात्रों का कहना है कि पटना यूनिवर्सिटी के कॉलेज कैम्पसों में दिनदहाड़े इस तरह की वारदात चिंताजनक है और प्रशासन को इस ओर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।

आइसा के राज्य सह सचिव कुमार दिव्यम कहते हैं, “कॉलेज कैम्पस में लोग लाठी-डंडा, हॉकी स्टिक्स लेकर घुस जा रहे हैं और उन्हें कोई रोकने वाला नहीं है, ये हैरानी की बात है।”

“कॉलेज कैम्पस में सीसीटीवी की भारी कमी है। इक्का-दुक्का जगह है भी, तो वो खराब है। हमलोग लम्बे समय से कैम्पसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग कर रहे हैं लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। सिक्योरिटी गार्ड हालांकि हैं, लेकिन उनकी संख्या भी अपर्याप्त है,” कुमार दिव्यम कहते हैं।

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Umesh Kumar Ray started journalism from Kolkata and later came to Patna via Delhi. He received a fellowship from National Foundation for India in 2019 to study the effects of climate change in the Sundarbans. He has bylines in Down To Earth, Newslaundry, The Wire, The Quint, Caravan, Newsclick, Outlook Magazine, Gaon Connection, Madhyamam, BOOMLive, India Spend, EPW etc.

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