बिहार के किशनगंज जिले के पोठिया प्रखंड अंतर्गत दामलबाड़ी पंचायत के बिसानी गांव के लोग कई वर्षों से बिजली विभाग की उदासीनता से निराश हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली के खंभे काफी दूरी पर लगाए जाने के कारण तेज़ हवा में अक्सर बिजली के तार गिर जाते हैं। गांव भर में बिजली के तार काफी नीचे झूल रहे हैं जिससे ट्रेक्टर और दूसरी गाड़ियों को घरों से दूर सड़क पर ही खड़ा करना पड़ता है।
बिसानी गांव निवासी अनवर आलम ने बताया कि लटकते तारों के कारण उनके घर तक गाड़ियां नहीं जा पाती हैं। अनाज या कोई और सामान लाने में बहुत दिक्कतें होती हैं। कुछ समय पहले उनके घर के सामने तार गिर गया था जिसके बाद निजी बिजली मिस्त्री को बुलाकर ठीक कराया गया।
आगे उन्होंने कहा कि गांव में करीब 1,000 लोगों की आबादी है। गांव के हर घर के सामने तार झूल रहे हैं जिससे दुर्घटना का डर बना रहता है।
ट्रेक्टर चालक अनवारुल हक़ ने बताया कि ट्रेक्टर पर अनाज और बाकी सामान लाने में बहुत परेशानी होती है। बिजली के खंभों से जाने वाले तार काफी नीचे लटकते हैं जिसके कारण ट्रेक्टर को बीच रास्ते से ले जाते हैं। अगर गलती से भी ट्रेक्टर रास्ते के किनारे चला जाए तो तार टकराने से बड़ा हादसा हो सकता है।
उन्होंने आगे कहा, “सामान ज़्यादा होता है तो हमलोग को गाड़ी दूसरी गांव से घुमा के लाना पड़ता है, लगभग 2 किलोमीटर ज्यादा घूमना पड़ता है। यह लगभग 2-3 साल से बहुत समस्या है। तार ऊपर करना चाहिए और यह पोल भी बहुत दूरी पर लग गया है।”
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खराब बिजली व्यवस्था से किसान परेशान
गांव में बिजली व्यवस्था खराब होने से किसानों को भी काफी दिक़्कतों का सामना करना पड़ता है। बिसानी निवासी नासिर हसन अनानास की खेती करते हैं। उन्होंने कहा कि तार काफी नीचे है इसलिए खेत तक गाड़ी नहीं आ पाती है।
नासिर हसन कहते हैं, “यह बिजली का तार 2009 में लगा है और तब से कभी कोई मरम्मत नहीं हो पाई है। लगभग 500 से 600 मीटर तार सिर्फ 4 पोल पर गया है इसकी वजह से आये दिन हमारे यहाँ लाइट डिस्टर्ब होता रहता है। विभाग के तरफ से कोई सुनवाई नहीं होती है।”
उन्होंने आगे कहा, “अभी हम अनानास का बागान लगाए हुए हैं जिसके लिए गाड़ी वगैरह खेत में लाना पड़ता है। गाड़ी लाने में बहुत परेशानी होती है। तार 5 से 6 मीटर की ऊंचाई पर है जिसके कारण कोई गाड़ी नहीं आ पाती है। कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है।”
एक अन्य किसान जलाल अहमद ने बताया कि तार लटकने के कारण अनाज लेकर बहुत घूम कर आना पड़ता है। कम ऊँचाई पर तार के लटकने से खेत में बैल और मवेशी ले जाने में खतरा महसूस होता है। कुछ ही महीने पहले तार गिरने से उनकी एक बकरी की मौत हो गई थी।
जलाद अहमद आगे कहते हैं कि खेत की फसल ट्रेक्टर पर लाद कर दूसरे गांव से होकर जाना पड़ता है। इसके कारण खर्चा अधिक हो जाता है। तार की समस्या ठीक कर ली गई तो गांव के किसानों को राहत मिलेगी।
15 वर्षों से उदासीन है बिजली विभाग
बिसानी गांव में वर्ष 2009 में बिजली आई थी। तब गांव में चाय की एक फैक्ट्री लगने पर फैक्ट्री और गांव के बाकी क्षेत्र में किशनगंज से बिजली कनेक्शन दिया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि जब से गांव में बिजली आई है तब से तारों की मरम्मत नहीं की गई है।
स्थानीय वार्ड सदस्य मोहम्मद याक़ूब ने बताया कि गांव में बिजली किशनगंज से दी गई है और बिल का भुगतान पोठिया वाले बिजली दफ्तर में होता है। कोई समस्या आने पर पोठिया का बिजली दफ्तर यह कहकर उनकी सहायता नहीं करता है कि बिसानी गांव में किशनगंज से बिजली आती है वहां से ही समाधान होगा। गांव वाले अपने पैसे से ही बिजली का काम करवाते हैं।
याक़ूब कहते हैं, “हमलोग बहुत बार शिकायत किये हैं। एक बार यहां के जे.ई साहब से भी बात किये थे तो जे.ई साहब बोले किशनगंज वाले से बात कीजिए। हमलोग चाय फैक्ट्री वाले मज़हर से बात किए, वो बोले कि हम बात करेंगे लेकिन तीन साल हो गया अभी तक कुछ हुआ नहीं। तार टूटना या और जो भी समस्या होती है हमलोग गांव वाले मिलकर अपने पैसे से सब काम करवाते हैं, सरकारी मिस्त्री से कोई मदद नहीं मिल रही है।”
“हमलोग का पोल बहुत दूरी में लगाया गया है। साल में दो तीन बार तार तो टूटता ही टूटता है। कोई समस्या होने पर हमलोग पोठिया वाले को बोलते हैं तो कहता है कि किशनगंज में बात करो। गांव में 1,000 के लगभग लोग हैं फिर भी बात नहीं सुनी जाती है,” वार्ड सदस्य याक़ूब ने आगे कहा।
“सबका किया, हमलोग का तार ठीक नहीं किया”
स्थानीय निवासी अंसारुल हक़ ने बताया कि पिछले वर्ष पास के गांव में बिजली का काम कराया गया था लेकिन बिसानी में कोई काम नहीं हुआ। गांव में चाय की फैक्ट्री के लिए किशनगंज से बिजली ली गई थी इसलिए बिसानी गांव में लोगों को उसी कनेक्शन से बिजली दे दी गई थी। पोठिया में ग्रामीण बिजली बिल जमा करते हैं लेकिन कोई समस्या होने पर वहां से कोई मदद नहीं दी जाती है।
“2023 में हमारे गांव के पास वाला गांव झपरतल में तार ठीक किया लेकिन हमलोग का नहीं किया। उनलोग का कहना है कि किशनगंज वाले से कीजिये और किशनगंज वाला जे.ई कहता है कि पैसा ले रहा है पोठिया वाला तो हमलोग क्यों ठीक करें, इसी विवाद में हमलोग फंस गए हैं,” अंसारुल हक़ बोले।
उन्होंने आगे बताया कि एक महीने पहले बिसानी स्थित चाय की फैक्ट्री में पोठिया के एसडीओ और जे.ई आये थे, तब जे.ई ने गांव का दौरा किया था। उन्होंने कहा था कि दो चार दिनों में काम हो जाएगा लेकिन कुछ नहीं हुआ।
“हमलोग को लगा था कि हर जगह ऐसे ही है लेकिन उस तरफ ठीक कर दिए हैं लेकिन हमारा गांव वैसे ही है। आज से एक महीना पहले एसडीओ साहब, जेई और ऐसी चाय फैक्ट्री में आये थे। जब हमलोग बोले तो वो लोग गांव में आये और देखे। वे बोले कि आपलोग का कॉन्ट्रेक्ट हो गया है दो चार दिन में काम हो जाएगा लेकिन कुछ नहीं हुआ,” अंसारुल हक़ ने बताया।
बिजली विभाग अधिकारियों ने क्या कहा
इस बारे में हमने बहादुरगंज के कार्यपालक इंजीनियर से फ़ोन पर बात की। कार्यपालक इंजीनियर चंद्रमोहन ने बताया कि दामलबाड़ी पंचायत के बिसानी गांव में तार बदलने को लेकर राशि के आवंटन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। तार लटकने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है और वह इस बारे में जे.ई से बात करेंगे।
इसके बाद हमने पोठिया के जे.ई प्रमोद कुमार से बात की। उन्होंने कहा कि वह अभी नए आये हैं इसलिए बिसानी की समस्याओं से पूरी तरह से वाकिफ नहीं हैं। उनके अनुसार वह कभी बिसानी नहीं गए हैं। जल्द ही वह वहां जाकर इलाके का निरीक्षण करेंगे और जो भी ज़रूरी काम होगा उसे प्राथमिकता के साथ किया जाएगा।
“हम नए आये हैं, पूरे फील्ड से हम वाकिफ नहीं हैं। कल हमलोग खुद जाकर गांव में देख लेंगे और क्या जरूरत है वहां, यह देख कर काम करेंगे। वो काम जरूरी है करना। बिसानी हमारे ही क्षेत्र में आता है लेकिन मेरे संज्ञान में नहीं थी यह तार वाली समस्या। उपभोक्ता को आप पूरा आश्वासन दे सकते हैं कि कल हम वहां जाएंगे और जो भी जरूरत होगी वो किया जाएगा,” जे.ई प्रमोद कुमार ने फ़ोन पर कहा।
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