कटिहार जिले के बलिया बेलौन थाना परिसर के बाहर बीते शनिवार को पुलिस और पब्लिक के बीच हुई झड़प में दोनों तरफ से कई लोग घायल हो गए थे जिसके बाद पुलिस ने इंडियन पीनल कोड की धारा 147, 148, 149, 341, 323, 307, 332, 333, 504, 506, 120(बी), 427, 354 और 379 के साथ मामला दर्ज किया है।
बलिया बेलौन थाने से लगभग एक किलोमीटर दूर नारायणपुर गांव है जहां के ज्यादातर पुरुष गांव से भागे हुए हैं, कुछ महिलाएं हैं जिसके शरीर पर चोट के निशान हैं।
दीपाली देवी के बाएं हाथ में चोट के निशान हैं और हाथ सूजा हुआ है। उनकी बेटी कृष्णा कुमारी के शरीर पर भी चोट के निशान हैं। उसके साथ साथ गुनिया देवी, टेपी देवी और एक बुजुर्ग महिला के शरीर पर भी चोट के निशान हैं।
गांव में ही चाय दुकान पर सभी लोगों की भीड़ है और कुछ पंचायत प्रतिनिधि लोगों से बातचीत कर रहे हैं। सभी महिलाओं ने मैं मीडिया को बताया कि बीते रविवार की शाम पुलिस की कुछ गाड़ी गांव में आई और बिना कुछ पूछे लाठी डंडा चलाने लगे, जिसमें बहुत लोगों को चोट आई है। इनमें ज्यादातर महिलाएं हैं।
चाय दुकानदार डोमन शर्मा ने बताया कि जब पुलिस की गाड़ी आई थी, वह अपनी दुकान में बैठे थे तभी एक पुलिस वाले ने उन पर डंडा चलाया। डंडा हाथ पर लगा और बचने की कोशिश करते हुए वह नीचे झुक गए। उसके बाद पुलिस बगल के घरों के तरफ़ बढ़ी।
भुसिया देवी ने बांस के डंडों को दिखाते हुए कहा, “यह डंडा पुलिस वाले लेकर आए थे और इसी से पिटाई की। मेरी बहू झूनो देवी घर में छुप गई लेकिन पुलिस वालों ने दरवाजे पर जोर से दस्तक दी और धकेल कर दरवाजा खोल दिया। फिर उन्होंने मेरी बहू के सिर पर वार किया जिससे उनका सिर फट गया। खून निकलने के बावजूद पुलिस घसीट कर ले गई और गिरफ्तार कर लिया।”
गांव के पार्वती देवी का कहना है कि पुलिस वालों ने पहले सबको ठंडा चलाया और जो ज्यादा घायल हो गए, उन्हें पुलिस ले गई। जवान लड़कियों को भी नहीं बख्शा, जिसके कारण गांव के लोग डर गए हैं। ज्यादातर मर्द दूसरी जगह जाकर छिप गए हैं। सभी मजदूरी करते हैं।
Also Read Story
क्या था मामला
दरअसल थाने से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर शेखपुरा पंचायत अंतर्गत नारायणपुर गांव में श्री श्री 108 हरे राम संकीर्तन महायज्ञ का प्रोग्राम होने के बाद प्रतिमा विसर्जन करने की प्रक्रिया के दौरान दो लड़कों में झगड़ा और हाथापाई हो गई थी जिसके बाद विवाद बढ़ गया। और गांव के लोग दो पक्षों में बंट गए।
इसी बीच, पंडाल का कुछ सामान चोरी हो गया। ग्रामीणों को शक था कि गांव के ही एक व्यक्ति ने चोरी की है। सभी लोगों ने मिलकर एक पंचायत में शनिवार की सुबह बैठना चाहा, लेकिन जिस व्यक्ति के ऊपर शक था, वह व्यक्ति पंचायती में नहीं पहुंचा।
पंचायती विफल होने के बाद दोनों पक्षों के लोग आवेदन देने बलिया बेलौन थाने पहुंचे लेकिन थाना परिसर के बाहर पुलिसकर्मियों और लोगों में हिंसक झड़प हो गई, जिसमें दोनों तरफ के लोग घायल हो गए।
कुछ लोग हाथ में लाठी डंडा लेकर भी पहुंचे थे और पुलिस को गाली गलौज कर रहे थे, जो एक वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
जबकि एक नामजद व्यक्ति और ग्रामीणों का कहना है कि पहले बलिया बेलौन के सिपाही द्वारा मारपीट की गई, इसके बाद ही ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर पुलिस पर हमला किया है।
वहीं दूसरी ओर बलिया बेलौन पुलिस का कहना है कि सुबह एक व्यक्ति नारायणपुर गांव का आवेदन देने के लिए आया था। उसके पीछे ही कुछ ग्रामीण भी आए। समझाने बुझाने के लिए बैठक हुई, लेकिन उसी में देनों में तू-तू मैं-मैं होने लगा। दोनों को समझाने लगे लेकिन इसी बीच ग्रामीणों ने पुलिसकर्मी पर हमला बोल दिया, जवाब में दोनों तरफ से झड़प हुई है, पुलिस के कई जवान जख्मी हुए हैं।
झड़प में घायल एक होमगार्ड ने बताया कि शनिवार सुबह बहुत से लोग थाने के पास आकर जमा हो गए और आपस में झगड़ने लगे। इसी बीच एक पुलिसकर्मी उन्हें समझाने के लिए आए, लेकिन भीड़ ने उन्हें पीटना शुरू कर दिया। उसके बाद जो भी पुलिसकर्मी आए उन्हें पीटा गया।
“भीड़ में से कुछ लोग थाने को जला देने और पुलिसकर्मियों को पीटने की बात कर रहे थे। एक पुलिसकर्मी के सिर में पांच टांके लगे हैं,” उन्होंने कहा।
पहुंची थी कई थानों की पुलिस
घटना की जानकारी मिलते ही थाना क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। बारसाई अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रेमनाथ राम, इंस्पेक्टर मकसूद अशरफी, सालमारी ओपी अध्यक्ष नवनीत कुमार नमन, कदवा थाना अध्यक्ष विजय कुमार यादव, तेलता ओपी प्रभारी अंजय अमन, कचना ओपी प्रभारी मुकेश कुमार, आबादपुर थाना अध्यक्ष इजहार आलम, सुधानी ओपी प्रभारी एवं बारसोई थाना अध्यक्ष सहित सभी अधिकारियों ने बलिया बेलौन बाजार में शांति मार्च निकालकर पैदल यात्रा की।
पुलिस ने सात आरोपितों को किया गिरफ्तार
एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक, एसपी के निर्देश पर एफआईआर दर्ज कर सात आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने बताया कि थाने में हुए पुलिस-पब्लिक के बीच विवाद को लेकर एसडीपीओ बारसोई प्रेमनाथ राम के नेतृत्व में एक विशेष छापामारी टीम का गठन किया गया था। उस छापामारी टीम द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए नामजद सात अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया गया।
गिरफ्तार अभियुक्तों में टार्जन दास पिता स्वर्ग पंचम दास, टेरा शर्मा पिता स्वर्ग मंगलू शर्मा, अमोल दास पिता स्वर पंचानंद दास, डेलू शर्मा पिता जमा शर्मा, वितेन शर्मा पिता स्व गुनाई शर्मा, अजय कुमार पिता फुलेश्वर शर्मा, झुन्नो देवी पिता उमेश शर्मा नारायणपुर थाना बलिया बेलौन के रहने वाले हैं। सभी गिरफ्तार आरोपित को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। एसपी ने बताया कि इस कांड में जो भी दोषी हैं, उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में संलिप्त अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
कटिहार एसपी जितेन्द्र कुमार मंगलवार को बलिया बेलौन थाना पहुंचे तथा थाने का निरीक्षण करने के साथ साथ लंबित कांडों की समीक्षा की। उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों के साथ बातचीत भी की।
मामले पर पुलिस ने क्या कहा
इस मामले को लेकर जब पुलिस से बात की गई तो बलिया बेलौन थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस द्वारा गांव में जाकर मारपीट करने की बात निराधार है। छोटी सी बात पर विवाद हुआ था। कुछ नामजद लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस मामले का अनुसंधान कर रही है। गांव के लोग कोई अपराधी नहीं हैं। सभी इसी समाज के हैं सब अपने हैं।
मामले पर बारसोई डीएसपी ने कहा कि क्षेत्र में पूरी तरह शांति बनी हुई है। किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है।
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।
