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छह सालों से एक क्षतिग्रस्त पुल के भरोसे ग्रामीण, MP MLA से नाउम्मीद

लगभग ज़मीन में धस चूका यह पुल किशनगंज जिले के दिघलबैंक प्रखंड के कांटाबाड़ी में स्थित है। मंगुरा पंचायत में आने वाला यह जर्जर पुल आधा दर्जन गांवों के लोगों के लिए प्रखंड मुख्यालय तक पहुँचने का मुख्य मार्ग है।

Md Akil Alam Reported By Md Akil Aalam |
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लगभग ज़मीन में धस चूका यह पुल किशनगंज जिले के दिघलबैंक प्रखंड के कांटाबाड़ी में स्थित है। मंगुरा पंचायत में आने वाला यह जर्जर पुल आधा दर्जन गांवों के लोगों के लिए प्रखंड मुख्यालय तक पहुँचने का मुख्य मार्ग है। यह पुल 2017 में आए बाढ़ की तबाही का शिकार हुआ था, लेकिन 6 वर्षों के बाद भी यहाँ हज़ारों लोग आवागमन के लिए कभी डायवर्ज़न तो कभी चचरी पुल पर निर्भर होने पर मजबूर हैं।


स्थानीय लोगों के अनुसार, बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो चुके इस झूलते पुल पर कई हादसे हो चुके हैं। ग्रामीणों को बरसात के दिनों में सबसे अधिक कठिनाइयां आती हैं। पूल के दोनों तरफ के दीवार में बड़ी बड़ी दरारें साफ़ देखी जा सकती हैं, बावजूद इसके यहाँ रोज़ाना सैकड़ों पैदल लोगों के अलावा सभी प्रकार के वाहन भी चलते हैं। पुल के निर्माण हो जाने से मंगुरा, ताराबाड़ी पदमपुर,आमबारी समेत कई गाँव के लोगों को सहूलियत मिलेगी।

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स्थानीय लोगों ने बताया कि, टप्पू ब्लॉक चौक से इकड़ा मिलिक पथ के बीच स्थित कांटाबाड़ी में यहाँ का एक पुल 2017 के भीषण बाढ़ में बह गया था जबकि दूसरा पुल क्षतिग्रस्त अवस्था में मौजूद है।


पेशे से किसान जाफ़र हुसैन रोज़ाना इसी पुल से गुज़रते हैं, वह कहते हैं कि, सालों से टूटा यह पुल समय के साथ साथ और अधिक जर्जर हो रहा है। उन्होंने आगे बताया कि, पिछले दिनों ही यहाँ एक ई-रिकशॉ पलट गया था और बारिश के दिनों में मकई से भरी एक गाड़ी भी दुर्घटनाग्रस्त हुई थी।

गुवाबारी निवासी ज़ुल्फ़िक़ार ने बताया कि 2017 में पुल के क्षतिग्रस्त होने के अलावा इसी मार्ग पर 200 मीटर की दूरी पर एक सड़क भी कट गयी थी जिसके बाद आधा दर्जन गांव के ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से चचरी के दो पुल बनाए। इसके बाद ग्रामीणों ने कांटाबाड़ी के पास एक डाइवर्ज़न भी बनाया।

ज़ुल्फ़िक़ार आगे कहते हैं कि, जनप्रतिनधियों में से कोई भी पूछने नहीं आता है, अगर जल्द पुल का निर्माण नहीं हुआ तो इससे प्रभावित सभी गांवों के लोग आने वाले मतदान का पूर्ण बहिष्कार करेंगे।

तीन पहिया लोडिंग गाड़ी चालक मज़हबुल ने कहा कि, हर बार इस पुल से गुजरने में डर लगता है लेकिन मजबूरी है, आना जाना तो करना ही होगा। वह चाहते हैं कि, टूटे पुल को हटाकर यहाँ एक लंबे पुल का निर्माण कराया जाए।

दिघलबैंक प्रखंड से ‘मैं मीडिया’ संवाददाता मोहम्मद अकील आलम मामले को लेकर 2 नवंबर 2022 को जिला लोक शिकायत में गए। 17 जनवरी 2023 को विभाग ने इसके जवाबी चिट्ठी में लिखा कि, पुराने पुलिया के स्थान पर राज्य योजना के तहत उच्च स्तरीय पुल निर्माण के लिए प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है, विभागीय स्वीकृति के बाद जल्द ही निर्माण का काम शुरू किया जाएगा।

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Md Akil Alam is a reporter based in Dighalbank area of Kishanganj. Dighalbank region shares border with Nepal, Akil regularly writes on issues related to villages on Indo-Nepal border.

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