देशभर में खाद की किल्लत चल रही है, जिससे रबी सीजन की बुआई बुरी तरह प्रभावित हुई है। बिहार में भी खाद की किल्लत ने विकराल रूप ले लिया है। किसानों का कहना है कि दिन-दिन भर लाइन में लगे रहने के बावजूद खाद नहीं मिल रही। कुछ जगहों पर तो रात से किसान लाइन में लग जा रहे हैं ताकि खाद मिल जाए।
गुरुवार को खाद वितरण को लेकर अररिया जिले के नरपतगंज ब्लाॅक में पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में हो रही खाद की बिक्री के दौरान ही जबरदस्त हंगामा हो गया। हालात इस कदर बेकाबू हो गये कि पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और आरोप है कि हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी।
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किसानों और पुलिस में झड़प की भी ख़बर है जिसमें कुछ लोग जख्मी हुए हैं।
बताया जाता है कि अररिया के फारबिसगंज अनुमंडल के नरपतगंज प्रखंड मुख्यालय स्थित हाई स्कूल मैदान में पुलिस-प्रशासन की निगरानी में खाद का वितरण चल रहा था, उसी वक्त हंगामा हो गया।
एसडीएम सुरेंद्र कुमार अलबेला ने बताया कि किसानों की सहुलियत के लिए प्रशासन की तरफ से हाई स्कूल मैदान में 9 काउंटर बनाये गये थे, जहां से आनलाइन माध्यम से खाद की बिक्री चल रही थी। लेकिन कुछ देर बाद तकनीकी खामी के चलते आनलाइन प्रक्रिया ठप पड़ गई।
जब आनलाइन प्रक्रिया ठप पड़ गई तो खाद की बिक्री भी बंद हो गई। उस वक्त हर काउंटर पर 10-15 किसान मौजूद थे।
फारबिसगंज एसडीपीओ रामपुकार सिंह ने बताया कि ऑनलाइन बिक्री बाधित होने के बाद फैसला लिया गया कि पंचायत में जाकर किसानों को खाद दी जाएगी। लेकिन, उसी वक्त कुछ दलाल, जो किसान बनकर खाद खरीदते हैं और बाद में ऊंचे दाम पर उसे किसानों को बेचते हैं, ने हंगामा किया।
पुलिस के अनुसार, उन्होंने एनएच 57 को जाम कर दिया और पुलिस पर पथराव भी किया।
एसडीपीओ रामपुकार सिंह ने कहा कि उस वक्त रोड पर वाहन थे और उनमें यात्री सवार थे, इसलिए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गये।
हवाई फायरिंग की बात पुलिस अस्वीकार कर रही है, लेकिन मौके से मिले वीडियो फुटेज से पता चलता है कि पुलिस ने हवाई फायरिंग की है। पुलिस के साथ झड़प में महिला समेत कई लोग जख्मी हुए हैं। उन्हें इलाज के लिए नरपतगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कोटे से कम हुई खाद की सप्लाई
रबी सीजन में बिहार सरकार ने 45.10 लाख हेक्टेयर में बुआई का लक्ष्य निर्धारित किया है। इनमें से 23 लाख हेक्टेयर में गेहूं, 5 लाख हेक्टेयर में मक्का, 12 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुआई होनी है।
रकबा के हिसाब से बिहार में अक्टूबर-नवम्बर में 4.35 लाख मेट्रिक टन यूरिया की जरूरत थी, लेकिन केंद्र सरकार ने महज 3.43 लाख मेट्रिक टन यूरिया की ही सप्लाई की थी। वहीं डीएपी की सप्लाई भी मांग के मुताबिक नहीं हुई। इससे किसानों में चिंता और सरकार से नाराजगी है क्योंकि खाद की कमी से वे बुआई नहीं कर पा रहे हैं। जबकि बुआई का सीजन निकलता जा रहा है। कई जगहों पर खाद की सप्लाई की मांग पर किसान रोड जाम भी कर रहे हैं।
सरकार का आश्वासन बेअसर
पिछले दिनों पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा के सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि केंद्रीय उर्वरक और रसायन मंत्री मनसुख माडविया ने उन्हें आश्वस्त किया है कि बिहार के किसानों को यूरिया और डीएपी खाद की कोई कमी नहीं होगी।
उन्होंने कहा था कि अब तक राज्य के कोटे का केवल 65 फीसदी फर्टिलाइजर ही दिया गया है और बाकी की आपूर्ति एक दो महीने में कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पिछले दिनों कहा था कि खाद की किल्लत दूर की जाएगी, लेकिन तमाम आश्वासनों के बावजूद राज्य में खाद की किल्लत बरकरार है और इसे जल्दी दूर नहीं किया गया, तो किसानों का प्रर्दशन उग्र हो सकता है।
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