किशनगंज जिले के बहादुरगंज थाने में एक विवादास्पद घटना को लेकर पुलिस अधीक्षक द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है। कर्तव्य में लापरवाही और पुलिस की छवि को धूमिल करने के आरोप में दो पुलिस पदाधिकारियों — तत्कालीन थानाध्यक्ष निशाकांत कुमार और तत्कालीन अपर थानाध्यक्ष अमित कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
यह विवाद 28 से 30 जून 2025 के बीच ट्रैफिक फाइन को लेकर उत्पन्न हुआ था, जिसमें एक सरकारी कर्मी और जनप्रतिनिधि के साथ थाना परिसर में बहस और दुर्व्यवहार की स्थिति बन गई। इस पूरी घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिससे आम लोगों और जनप्रतिनिधियों में आक्रोश फैल गया।
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इस घटना को लेकर पुलिस उपाधीक्षक (यातायात) किशनगंज के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की गई। रिपोर्ट में यह पाया गया कि तत्कालीन थानाध्यक्ष निशाकांत कुमार ने विवाद को सुलझाने का कोई प्रयास नहीं किया और न ही अपने अधीनस्थों पर कोई नियंत्रण रखा। साथ ही थाने में आए लोगों और हिरासत में लिए गए अभियुक्तों के साथ दुर्व्यवहार किया गया।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि तत्कालीन अपर थानाध्यक्ष अमित कुमार का आचरण एक पुलिस सेवक के अनुरूप नहीं था। उन्होंने न तो विवाद सुलझाने की कोशिश की और न ही आम नागरिकों और जनप्रतिनिधियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया। प्रथम दृष्टया यह उनकी कर्तव्य में लापरवाही और असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
पुलिस अधीक्षक द्वारा दोनों पदाधिकारियों को सामान्य जीवनयापन भत्ता पर निलंबित किया गया है और उनकी तैनाती किशनगंज पुलिस केंद्र में की गई है।
इस पूरे मामले में स्थानीय बहादुरगंज विधायक अंजार नईमी ने लगातार कार्रवाई की मांग की थी। गुरुवार को उन्होंने किशनगंज एसपी से मिलकर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग दोहराई।
मुख्यधारा मीडिया से अलग, ‘मैं मीडिया’ ने इस घटना की गहराई से पड़ताल करते हुए “बहादुरगंज का ‘साइको पुलिसवाला’, क्रूरता के कई मामले आये सामने” शीर्षक से एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की थी।
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