कटिहार (Katihar) में सीएसपी संचालक से हुए लूट कांड मामले का पुलिस ने उद्भेदन कर लिया है। एसडीपीओ ओमप्रकाश ने प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी। घटना 2 अगस्त की है। इस मामले में दो अपराधी गिरफ्तार हुए हैं। साथ ही लूटी हुई रकम में से 20 हजार रुपए बरामद किए गए हैं।
घटना पोठिया ओपी क्षेत्र अंतर्गत खैरा मोड़ के समीप की है। 2 अगस्त 2022 को बाइक सवार दो अपराधियों ने एक सीएसपी संचालक से पिस्टल दिखा कर 25000 रुपए लूट लिए थे। पीड़ित सीएसपी संचालक ने थाना में इसको लेकर मामला दर्ज कराया था।
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एसपी जितेंद्र कुमार के निर्देश पर टीम का गठन
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी जितेंद्र कुमार के निर्देश पर एक टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा सूचना संकलन और तकनीकी अनुसंधान के आधार पर अपराधी राकेश कुमार यादव को 20 हजार रुपए के साथ गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्त से जब पूछताछ की गई तो उसने लूट कांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की और पुलिस को अपने दो अन्य सहयोगियों के नाम बताए।
पिस्टल के जोर पर लूट: एसडीपीओ ओमप्रकाश
प्रेस वार्ता के दौरान एसडीपीओ ओमप्रकाश ने बताया कि 2 अगस्त को पोठिया थाना क्षेत्र अंतर्गत खैरा मोड़ के समीप सीएसपी संचालक कुंदन कुमार जब बैंक से पैसा निकाल कर अपने सीएसपी के लिए निकले, तो बाइक पर सवार 2 बदमाशों ने उन्हें पिस्टल दिखाई और उनसे पैसे लूट कर भाग गए।
“एसपी सर की अध्यक्षता में हमारी पूरी टीम ने मेहनत की और तीनों अपराधियों की पहचान की गई जिसमें से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार अपराधियों के पास से लूटी हुई रकम में से 20000 रुपये, एक मोबाइल और घटना में प्रयुक्त दो मोटरसाइकिल भी बरामद किये गये हैं,” एसडीपीओ ने बताया।
राकेश कुमार यादव और ललित कुमार मंडल गिरफ्तार
एसडीपीओ ने गिरफ्तार अपराधियों के नाम राकेश कुमार यादव और ललित कुमार मंडल बताए, साथ ही जानकारी दी कि दोनों अपराधी पहले भी जेल में रह चुके हैं। एसडीपीओ ने आगे कहा कि तीसरे अपराधी की भी शिनाख्त कर ली गई है और जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पूरे बिहार सहित कटिहार में सीएसपी संचालकों से लगातार हो रही लूट की घटनाओं के बारे में एसडीपीओ ओम प्रकाश ने कहा कि पुलिस इसको लेकर पूरी तरह सतर्क है और सारे सीएसपी संचालक को कहा गया है कि जब भी वे रेमिटेंस के साथ आवागमन करें तो थानाध्यक्ष को सूचित करें, उन्हें तुरंत सुरक्षा दी जाएगी।
आगे उन्होंने बताया कि सीएसपी संचालकों को हर बार सुरक्षा दी जाती है। लेकिन ये लोग पुलिस को बताए बिना ट्रैवल करते हैं, जिससे ऐसी घटनाएं होती हैं।
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