सरकारी स्कूलों में बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए सरकार मिड डे मील सहित कई कार्यक्रम चला रही है, ताकि पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को पौष्टिक भोजन भी मिल सके। इसी कड़ी में “तिथि भोजन”” योजना के तहत स्कूल में छात्रों के लिये विशेष भोज का भी आयोजन किया जाता है।
समाज का कोई भी प्रतिष्ठित व्यक्ति अपनी जन्मतिथि व अन्य विशेष दिवस के मौके पर प्रारंभिक स्कूल के बच्चों के लिये खुद के खर्च से “तिथि भोजन” का आयोजन कर सकता है। इसी योजना के तहत शुक्रवार को किशनगंज जिले के कोचाधामन प्रखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय बस्ताकोला की प्रधान शिक्षिका रानी कुमारी ने अपने ख़र्च से स्कूल में “तिथि भोजन” का आयोजन किया। सभी छात्र-छात्राओं को विशेष भोजन के तौर पर खीर, पूरी व चना दाल से बनी सब्ज़ी खिलाई गई।
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आपको बताते चलें कि बिहार के साथ-साथ मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, असम, आंध्र प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक और पंडुचेरी में भी यह “तिथि भोजन” योजना चल रही है। इन राज्यों में इस योनजा को अलग-अलग नाम से जाना जाता है। प्राथमिक स्कूल बस्ताकोला में हुए “तिथि भोजन” के आयोनज से बच्चों में काफ़ी ख़ुशी थी। बच्चों ने बताया कि स्कूल में पहली बार इतना स्वादिष्ट भोजन मिला है। बच्चों ने शिक्षा विभाग से हर दिन ऐसा स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध करवाने की मांग कर दी।
इस योजना का उद्देश्य गांवों की सामूहिक भोजन की परंपरा को पुनर्जीवित करना और इसी बहाने बच्चों में सामूहिकता की भावना को जगाना है। आपको बता दें कि “तिथि भोजन” के दिन स्कूल की रसोईया द्वारा चखने के बाद भोजन बच्चों को परोसा जाता है। प्राथमिक स्कूल बस्ताकोला की शिक्षिका कहकशां अंजुम बताती हैं कि स्कूलों में इस तरह के आयोजन से बच्चे स्कूल से अच्छे तरीक़े से जुड़े पायेंगे।
प्राथमिक स्कूल बस्ताकोला में एमडीएम अधिकारियों ने भी स्कूली बच्चों के बीच बैठकर “तिथि भोजन” का लुत्फ़ उठाया। मिड डे मील के जिला कार्यक्रम प्रबंधक मोहम्मद लुकमान बताते हैं कि स्कूलों में एमडीएम मेन्यू से अलग हटकर “तिथि भोजन” के रूप में विशेष अवसर पर चावल-गेहूं से बना खाद्य पदार्थ, फल, दाल-दलिया, पत्तेदार सब्जी से बना हुआ ताजा और पका हुआ भोजन दिया जाता है।
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