पूर्णिया: कसबा पुलिस ने एक ऐसे नटवरलाल को गिरफ्तार किया है, जिसने न केवल चार-चार फर्जी आधार कार्ड बना रखे थे, बल्कि सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) का फर्जी पहचान पत्र भी बना लिया था। आरोपी ने फर्जी पहचान के आधार पर कसबा में ‘एकम किसान हट प्राइवेट लिमिटेड’ नामक एक कंपनी बना रखी थी और इसके जरिए कसबा के सैकड़ों बेरोज़गार युवक-युवतियों को नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी कर ली।
ठगी का तरीका
कसबा थानाध्यक्ष अजय कुमार अजनबी ने बताया कि आरोपी का नाम अजय कुमार है, जो उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के कादीपुर वार्ड संख्या 38 का रहने वाला है। अजय ने कसबा में ‘एकम किसान हट प्राइवेट लिमिटेड’ के नाम से एक फर्जी कंपनी खोली थी, जहां वह सैनेटरी पैड बनाने के नाम पर लोगों से ठगी कर रहा था। आरोपी ने बेरोज़गार युवक-युवतियों को आकर्षक वेतन और टीम लीडर बनने का लालच देकर उनसे प्रति महिला 110 रुपये के हिसाब से लाखों रुपये वसूले।
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गिरफ्तारी और पूछताछ
गुरुवार को कसबा नेमा टोल मोहल्ले में कुछ युवक-युवतियों ने अजय कुमार को बंधक बना लिया था, जिसके बाद कसबा नगर परिषद के उपाध्यक्ष सुभाष कुमार और अन्य स्थानीय व्यक्तियों के हस्तक्षेप से पीड़ितों को उनकी ठगी की गई राशि वापस दिलवाई गई।
जब पुलिस ने फर्जी ब्रांच मैनेजर शुभम सिंह (असली नाम अजय कुमार) को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। पुलिस जांच में पता चला कि अजय कुमार ने चार अलग-अलग नामों से फर्जी आधार कार्ड बना रखे थे और सीबीआई का फर्जी पहचान पत्र भी उसके पास से बरामद हुआ।
पुलिस ने बताया कि अजय कुमार पहले भी बिहार के गोपालगंज और शिवहर जिलों में इसी फर्जी कंपनी के नाम पर लाखों रुपये की ठगी कर चुका है। पुलिस को संदेह है कि अजय कुमार का संबंध साइबर क्राइम गिरोह के सदस्यों से भी हो सकता है। कसबा थाना कांड संख्या 217/24 के तहत आरोपी अजय कुमार को जेल भेजा जा रहा है।
पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस फर्जीवाड़े में किन-किन स्थानीय लोगों ने अजय कुमार की मदद की है। पुलिस की टीम सीतामढ़ी और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में जाकर इस मामले की गहन जांच करेगी, ताकि इस ठगी के नेटवर्क का पूरी तरह से पर्दाफाश किया जा सके।
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