बिहार के किशनगंज जिले के एक गांव में पिछले एक सप्ताह में तीन बच्चों की अज्ञात बीमारी से मौत हो गई है। हालांकि, बच्चों का सैंपल लेकर जांच की जा रही है और आशंका है कि बच्चे Acute encephalitis syndrome (AES) यानी चमकी बुखार, Japanese encephalitis (JE) या डेंगी से ग्रसित थे। सभी बच्चे आपस में चचेरे भाई-बहन हैं। बीमारी से ग्रसित और मरने वाले सभी बच्चों की उम्र 4 से छह वर्ष के बीच बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार सभी बच्चों में एक जैसे लक्षण देखने को मिले थे। जबकि इसी परिवार की एक बच्ची की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिसे स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बेहतर इलाज के लिए पटना भेजा है।
मामला दिघलबैंक प्रखंड की जागीर पदमपुर पंचायत अंतर्गत कटहलबाड़ी गांव का है। किशनगंज जिला प्रशासन के द्वारा गांव में मेडिकल कैंप लगाकर गांव के सभी बच्चों का हेल्थ चेकअप किया जा रहा है और उनका सैंपल जांच के लिए पटना स्थित लैब भेजा गया है।
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मृतक के परिजनों के मुताबिक 27 अक्टूबर को छह वर्षीय रिफत प्रवीण नामक बच्ची बीमार पड़ी। पहले बुखार, फिर उल्टी करने लगी और उसके पेट में भी दर्द होने लगा और दस्त करने लगी। उसके कुछ ही घंटे बाद बच्ची को बेचैनी होने लगी और तड़पते हुये उसने दम तोड़ दिया। उसके बाद 29 अक्टूबर को 5 वर्षीय उजमा प्रवीण और एक नवंबर को तीन वर्षीय मुहम्मद नफीस आलम की मौत हो गई। नफीस की छह वर्षीय बड़ी बहन फातिमा पटना में इलाजरत है।
सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. देवेन्द्र प्रसाद ने कहा कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए हैं और किसी को पैनिक होने की जरूरत नहीं है। विशेष रूप से उन्होंने अभिभावकों से बच्चों की देखभाल करने, घरों के आसपास साफ-सफाई बनाए रखने और खान-पान में सावधानी बरतने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यदि किसी बच्चे की तबीयत खराब होती है तो तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र या सदर अस्पताल में संपर्क करें।
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