सद्दाम सातवीं कक्षा का छात्र है जो फिलहाल ट्यूशन पढ़ने जा रहा है। साइकिल होने के बावजूद सद्दाम और उसके मित्र रोज़ पैदल चलकर सड़क पार करते हैं क्योंकि ऊबड़-खाबड़ सड़क पर चलने से साइकिल खराब हो जाती है। साइकिल की मरम्मत का खर्च बचाने के लिए ये बच्चे कई किलोमीटर साइकिल लेकर पैदल ही जाते हैं।
बिहार के किशनगंज जिलान्तर्गत पोठिया प्रखंड की जहांगीरपुर पंचायत स्थित बेलपोखर और सारादीघी समेत कई गाँवों के लोग एक अदद सड़क के लिए वर्षों से आस लगाए बैठे हैं। मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली गाँव की यह सड़क सालों से टूटी पड़ी है।
Also Read Story
सड़क की बदहाली से ग्रामीणों को बाज़ार, प्रखंड मुख्यालय, अस्पताल या स्कूल जाने के लिए कई बार सोचना पड़ता है। बड़े बड़े गड्ढे होने के कारण इस सड़क पर चार-पहिया वाहन नहीं चलते।
एक समय यह सड़क आसपास के दर्जनों गाँवों को इस्लामपुर और पोठिया प्रखंड से जोड़ने का सीधा रास्ता हुआ करती थी। आज यह सड़क स्थानीय लोगों के लिए गले की हड्डी बनकर रह गई है। ग्रामीणों के अनुसार करीब 15 साल से सड़क का यही हाल है, न सड़क का निर्माण हुआ न ही मरम्मत के लिए कोई पहल हुई।
स्थानीय लोगों की मांग है कि मेस्मरा से बेलपोखर होते हुए अधिकारी तालाब, हाजी चौक से सरादिघी तक और बेलपोखर तालाब से चन्या तक जर्जर हो चुकी सड़क का निर्माण किया जाए। सड़क न बनने से 7 वार्ड क्षेत्र के लगभग 20,000 लोग प्रभावित हैं।
सबसे ज्यादा मुश्किल मरीजों को होती है। खराब सड़कों की वजह से एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती, और निजी कार चालक गांव का नाम सुनते ही आने से इनकार कर देते हैं। इसके अलावा ट्रैक्टर गांव के अंदर नहीं आ पाते परिणामस्वरूप किसानों को अपना अनाज कम दामों पर बेचना पड़ता है।
इस सड़क के निर्माण में हो रही देरी को लेकर 28 जनवरी को ‘मैं मीडिया’ ने स्थानीय लोगों की मदद से लोक शिकायत में शिकायत दर्ज कराई। इसकी सुनवाई प्रमंडलीय आयुक्त, पूर्णिया कार्यालय में 7 फरवरी को होगी।
इस मामले में ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारी ने ‘मैं मीडिया’ से बताया कि सड़क निर्माण के लिए DPR तैयार की जा रही है। प्रशासनिक स्वीकृति के बाद सड़क निर्माण का रास्ता खुल जायेगा।
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।