यह पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सुखिया पोखरी प्रखंड में तीन से चार गांवों को जोड़ने वाली यह मुख्य सड़क है। 38 साल पहले इस सड़क के कुछ हिस्से में पत्थर डाले गये थे लेकिन तब से आज तक इसे पक्का नहीं किया गया और न ही कोई मरम्मत ही हुई। सड़क की हालत एकदम जर्जर हो चुकी है और इससे गुजरने वाले लगभग 1500 लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बीमारों, गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बारिश के समय में बाढ़ आने से यहां गाड़ियों का निकलना भी मुश्किल हो जाता है।
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स्थानीय निवासी संजोग राय मानते हैं कि इस सड़क का निर्माण नहीं होने का मुख्य कारण यहां की राजनीति है। यहां के लोकल नेता वोट की राजनीति करते हैं, लेकिन इस रास्ते का निर्माण नहीं कराते।
स्थानीय युवक विनायक सुंदास बताते हैं कि वह बचपन से इसी जगह रह रहे हैं और उन्होंने हमेशा से इस सड़क को इसी हालत में देखा है। उनका भी यही मानना है कि सड़क के ना बनने के पीछे यहां की राजनीति कारण है। वह मानते हैं कि यहां सड़क बनने के बाद बाकी का विकास खुद ब खुद हो जाएगा।
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