बिना अप्रोच वाला यह पुल कटिहार जिले के कदवा प्रखंड अंतर्गत भोगांव पंचायत का है। पुल अठनिया टोला से बघेला गांव के बीच एक धारा पर करोड़ों की लागत से बना हुआ है। लोगों ने बताया कि पुल बनने के तीन वर्ष बाद भी अप्रोच पथ का निर्माण नहीं हो सका है, जिस वजह से यह बेकार पड़ा है।
स्थानीय निवासी विनोद उरांव बताते हैं कि रास्ता नहीं होने की वजह से यह पुल उपयोग में नहीं है, जबकि कई गांवों के लोग पंचायत भवन जाने के लिए इसी रास्ते का उपयोग करते हैं।
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आपको बता दें कि पिछले दिनों बिहार में कई पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गये थे। पुल गिरने से लेकर डायवर्जन बह जाने संबंधित ख़बरों को लेकर देश भर में बिहार चर्चा का कारण बना रहा। इन हादसों पर राजनीति भी जमकर हुई। जिस वजह से सरकार को काफी फजीहत भी झेलनी पड़ी। लेकिन, ऐसा लग रहा है कि प्रशासनिक अधिकारी इससे कुछ सबक़ लेने के लिये तैयार ही नहीं है।
कटिहार स्थित भोगांव का यह बिना अप्रोच वाला पुल प्रशासनिक विफलता को ही दिखाता है। मोटरसाइकिल पर पुल से गुज़र रहे एक व्यक्ति ने बताया कि कई गांवों के लोग राशन लेने के लिए भोगांव स्थित पंचायत भवन जाते हैं, लेकिन, अप्रोच नहीं होने की वजह से 4 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय कर जाना होता है।
स्थानीय रामप्रसाद उरांव ने बताया कि लगभग 3 करोड़ की लागत से इस पुल को बनाया गया है, लेकिन, पुल की दोनों तरफ कोई सड़क नहीं है। पुल के पास अप्रोच बनाने के लिए थोड़ी बहुत मिट्टी है वह भी बरसात में बहने लगी है। इस जगह पर काफी बाढ़ आती है, अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो बचा हुआ रास्ता भी बह जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रखंड मुख्यालय जाने के लिये भी यही रास्ता है।
मामले को लेकर स्थानीय विधायक डॉ शकील अहमद खान ने कहा कि यह पूरी तरह से ग्रामीण कार्य विभाग की गलती है, क्योंकि, जब हम लोग प्रतिवेदन भेजते हैं तो साथ में अप्रोच पथ का निर्माण भी उसमें शामिल होता है, लेकिन, यहां पर अप्रोच पथ का निर्माण नहीं होना अफसोसनाक है। उन्होंने कहा कि वह इसको लेकर विभागीय अधिकारियों से बात करेंगे।
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