भारत में रेलवे स्टेशनों की श्रेणीकरण प्रक्रिया हर पांच साल में की जाती है। वर्ष 2024-25 के लिए श्रेणीकरण भी 2017-18 की तरह ही यात्री आय और स्टेशन पर हैंडल की गई यात्रियों की संख्या पर आधारित है।
रेल मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में 8809 स्टेशन यात्रियों की सेवा के लिए खुले हैं, और प्रत्येक स्टेशन का श्रेणीकरण उनकी आय और यात्रियों की संख्या के आधार पर किया गया है। इस श्रेणीकरण के जरिए शीर्ष स्टेशनों की पहचान की गई है, जो राजस्व और यात्री यातायात में अग्रणी हैं।
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राजस्व के आधार पर शीर्ष स्टेशन
राष्ट्रीय स्तर पर, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, जिसने 3337.6 करोड़ रुपये की आय अर्जित की और 3.93 करोड़ यात्रियों की सेवा की, भारत का सबसे अधिक राजस्व अर्जित करने वाला स्टेशन है। इसके बाद, हावड़ा रेलवे स्टेशन का स्थान है, जिसने 1692.3 करोड़ रुपये की आय अर्जित की और 6.13 करोड़ यात्रियों की मेजबानी की।
अन्य प्रमुख स्टेशनों में चेन्नई सेंट्रल (1299.3 करोड़ रुपये, 3.05 करोड़ यात्री), सिकंदराबाद (1276.2 करोड़ रुपये, 2.77 करोड़ यात्री), और मुंबई छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (982.2 करोड़ रुपये, 5.16 करोड़ यात्री) शामिल हैं।
यात्रियों की संख्या के आधार पर टॉप स्टेशन
जब हम देश के सबसे व्यस्त स्टेशनों की बात करते हैं, तो ठाणे (महाराष्ट्र) स्टेशन सबसे अधिक यात्री यातायात के साथ शीर्ष पर है, जहां 9.3 करोड़ यात्री दर्ज किए गए हैं। इसके बाद, कल्याण स्टेशन है, जिसमें 8.37 करोड़ यात्रियों का आना-जाना रहा है।
पश्चिम बंगाल का हावड़ा स्टेशन, जो राजस्व के मामले में भी दूसरे स्थान पर है, यहां 6.13 करोड़ यात्रियों ने यात्रा की। इसके अलावा, मुंबई छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर 5.16 करोड़ यात्री आए, जिससे यह भी सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक है। सियालदह स्टेशन (पश्चिम बंगाल) ने 5.13 करोड़ यात्रियों की सेवा की, जिससे यह शीर्ष पांच में अपनी जगह बनाता है।
दक्षिण भारत में, तमब्रम (तमिलनाडु) और एमजीआर चेन्नई सेंट्रल स्टेशनों ने क्रमशः 3.27 करोड़ और 3.05 करोड़ यात्रियों की सेवा की।
राजस्व के अनुसार बिहार के प्रमुख स्टेशन
अब बिहार की बात करें तो पटना जंक्शन राज्य का सबसे अधिक आय अर्जित करने वाला स्टेशन है, जिसने 699.5 करोड़ रुपये आय और 2.47 करोड़ यात्रियों की सेवा की। इसे NSG 1 श्रेणी में रखा गया है, और यह राज्य में सबसे अग्रणी स्टेशन है।
इसके बाद दानापुर (278.1 करोड़ रुपये, 73 लाख यात्री), मुजफ्फरपुर जंक्शन (275.4 करोड़ रुपये, 73 लाख यात्री), और गया (236.4 करोड़ रुपये, 88 लाख यात्री) आते हैं, जो NSG 2 श्रेणी में शामिल हैं।
कटिहार जंक्शन ने 160 करोड़ रुपये का राजस्व और 64 लाख यात्रियों का यातायात दर्ज किया है। यह राजस्व के मामले में राज्य के शीर्ष स्टेशनों में छठे स्थान पर आता है।
किशनगंज स्टेशन, जिसने 99.6 करोड़ रुपये की आय और 19.7 लाख यात्रियों की सेवा की, राजस्व के मामले में बिहार में 12वें स्थान पर है। सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित होने के कारण, किशनगंज, यात्रा और परिवहन के लिए एक प्रमुख स्टेशन है।
सहरसा जंक्शन ने 81.1 करोड़ रुपये का राजस्व और 39.2 लाख यात्रियों का यातायात दर्ज किया, जिससे यह बिहार के शीर्ष स्टेशनों में 16वें स्थान पर आता है।
बरसोई जंक्शन, जो 41.4 करोड़ रुपये की आय और 15 लाख यात्रियों की मेजबानी करता है, बिहार के राजस्व के आधार पर स्टेशनों में 23वें स्थान पर आता है।
जोगबनी स्टेशन, जो नेपाल की सीमा के नजदीक स्थित है, ने 23.3 करोड़ रुपये का राजस्व और 12.4 लाख यात्रियों की सेवा की। यह राजस्व के मामले में राज्य में 34वें स्थान पर है और सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों के लिए महत्वपूर्ण यात्रा बिंदु है।
अररिया कोर्ट स्टेशन, जिसने 12.9 करोड़ रुपये की आय और 5.3 लाख यात्रियों की सेवा की, बिहार के स्टेशनों में 43वें स्थान पर आता है।
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