2019 से 2021 के बीच सेना भर्ती प्रक्रिया में सफल होने के बावजूद हज़ारों युवा आज भी नौकरी की आस में हैं। बिहार के किशनगंज में कांग्रेस पार्टी की ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा में सैकड़ों युवाओं ने पोस्टर और झंडे के साथ सड़कों पर मार्च किया।
सेना भर्ती लिखित और मेडिकल परीक्षा में पास हुए अभ्यर्थियों की प्रोविज़नल चयन सूची 31 मई 2021 को जारी हुई थी, जिसमें कहा गया था कि जल्द ही एनरोलमेंट सूची आएगी लेकिन कोरोना के कारण इसमें देरी होती रही। जून 2022 में अग्निवीर योजना के लागू होने के बाद यह प्रक्रिया ठप हो गई।
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सेना भर्ती प्रक्रिया में चयनित कुछ युवाओं ने बताया कि अग्निवीर योजना के आने के बाद उनकी भर्ती रोक दी गई, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भरोसा दिलाया था कि उनकी नियुक्ति होगी लेकिन अब तक इसमें कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
इन युवाओं की शिकायत है कि केंद्र सरकार उनकी आवाज़ को लगातार नज़रअंदाज़ कर रही है। उम्र बढ़ने के साथ डिफेंस में नौकरी के मौके खत्म हो रहे हैं। सेना में जाने का सपना देखने वाले इन युवाओं ने कर्ज़ लेकर सालों तक तैयारी की, लेकिन अब उनका भविष्य अधर में लटक गया है। नौकरी के लिए वे अलग-अलग शहरों में धरना-प्रदर्शन कर सरकार तक अपनी आवाज़ पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं।
हरियाणा से आए किसान बलराम अपने बेटे रोहित कुमार की नौकरी की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका परिवार बेटे के चयन के बाद उज्जवल भविष्य का सपना देख रहा था लेकिन चार साल बाद भी नौकरी नहीं मिली। बलराम चिलचिलाती धूप में पैदल चलकर युवाओं के साथ सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से नौकरी की गुहार लगा रहे हैं।
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