कटिहार जिले के आजमनगर प्रखंड के मुकुरिया पंचायत और कदवा प्रखंड के निस्ता पंचायत सीमा पर स्थित जिगिन-बगडार गांव में पिछले कुछ दिनों से आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। हालात ऐसे हैं कि बच्चों ने स्कूल और मदरसों में जाना तक छोड़ दिया है और हाथ में लाठी लेकर चलने को मजबूर हैं।
5 अक्टूबर को स्कूल से लौट रहे दर्जनों बच्चों पर अचानक कुत्तों ने हमला कर दिया, जिससे कई बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी को बारसोई अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि एक बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए उसे कटिहार मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। 15 वर्षीय शादाब आलम, जो इस हमले का शिकार हुआ, अभी भी दहशत में है। उनके शरीर पर कई जगह गहरे घाव हैं, और वह चेहरे की चोट के कारण बोलने में असमर्थ हैं।
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शादाब आलम के पिता शोएब आलम ने बताया, “5 अक्टूबर को स्कूल में छुट्टी होने के बाद कुत्तों ने अचानक बच्चों पर हमला कर दिया। शिक्षक भी डर के कारण बच्चों को बचाने नहीं आए।”
ग्रामीणों में दहशत का माहौल
गांव के अन्य बच्चों ने भी कुत्तों के हमले के डर से स्कूल जाना छोड़ दिया है। मोहम्मद सबा करीम, जो सातवीं कक्षा के छात्र हैं, ने बताया कि सभी बच्चे कुत्तों के डर से लाठी लेकर ही बाहर निकलते हैं।
स्थानीय महिला अनार खातून ने बताया कि 10 वर्षीय रोजिका खातून पर कुत्ते ने हमला कर दिया था, जिसे बड़ी मुश्किल से भगाया गया। इसी दौरान एक अन्य बच्ची पर भी हमला किया गया, जिससे वह भी घायल हो गई।
ग्रामीणों का कहना है कि कुत्तों के आतंक से गांव में लोग अब घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन को सूचना देने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बगडार गांव के वयोवृद्ध पशुपालक अनामुल हक़ ने भी बताया कि कुत्तों के हमले से वह भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
इस मामले पर जब बारसोई अनुमंडल पदाधिकारी दिक्षित श्वेत्तम से बात की गई, तो उन्होंने जल्द ही आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया। ग्रामीणों ने प्रशासन से आवारा कुत्तों के हमलों से बचाने के लिए शीघ्र कार्रवाई की मांग की है।
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