बिहार के किशनगंज जिले की दस वर्षीय छात्रा संस्कृति चौधरी ने बाल कथाओं की एक पुस्तक लिखी है, जिसका नाम ‘शरारती बंदर मंकू’ है। इस पुस्तक को प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है।
‘शरारती बंदर मंकू’ में बच्चों के आदर्श जीवन पर आधारित 25 लघु कथाएं शामिल हैं। यह पुस्तक न केवल बाल पाठकों के लिए मनोरंजक है, बल्कि इसे अन्य बच्चों के लिए प्रेरणादायक भी है। इसका बधाई संदेश प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने लिखा है, जबकि प्रस्तावना गृह मंत्रालय के भाषा विज्ञानी कमलेश कमल ने लिखी है।
Also Read Story
पुस्तक का विमोचन किशनगंज के जिलाधिकारी विशाल राज और जिला शिक्षा पदाधिकारी नासिर हुसैन द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने छोटी सी उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने पर संस्कृति चौधरी को बधाई दी और अन्य बच्चों को भी प्रेरणा लेने की सलाह दी।
कक्षा पाँच की छात्रा संस्कृति चौधरी ने अपनी रचनात्मकता और प्रतिभा का परिचय देते हुए कहा की छोटी-छोटी बाल कथाओं को संजोकर यह पुस्तक तैयार की है।
डीएम विशाल राज ने पुस्तक के लोकार्पण के दौरान संस्कृति की प्रशंसा करते हुए कहा, “इतनी छोटी उम्र में इस प्रकार की साहित्यिक कृति तैयार करना एक असाधारण उपलब्धि है। यह न केवल किशनगंज जिले बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है। संस्कृति ने यह साबित कर दिया है कि उम्र केवल एक संख्या है, और अगर हिम्मत और लगन हो, तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है।”
जिला शिक्षा पदाधिकारी नासिर हुसैन ने भी संस्कृति को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “संस्कृति जैसी होनहार छात्रा हमारे जिले का भविष्य है। उसकी लेखन शैली और दृष्टिकोण को देखकर लगता है कि वह आने वाले समय में साहित्य के क्षेत्र में और भी ऊंचाइयों को छुएगी।”
संस्कृति चौधरी, कवित्री और बिहार राजकीय शिक्षक पुरस्कार 2024 से सम्मानित शिक्षिका निधि चौधरी की बेटी हैं।
निधि ने बताया कि उनकी बेटी को बचपन से ही कहानियां पढ़ने का शौक था और धीरे-धीरे उसने खुद कहानियां लिखनी शुरू की। इस पुस्तक की सफलता के पीछे उनकी बेटी की मेहनत और परिवार का समर्थन है।
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।